Tuesday, September 4, 2007

ग्लैमर की दुनिया की सच्चाई


1990 दशक के शुरुआती दिनों में लेडी श्रीराम कॉलेज की गीतांजलि नागपाल पूर्व मिस यूनिवर्स सुष्मिता सेन के साथ रैम्प पर कैटवॉक किया करती थीं लेकिन आज उनकी हालत खुद ब खुद ग्लैमर की दुनिया की स्याह कहानी बयां कर रही है। गीतांजलि एक आर्मी अफसर की बेटी हैं, जो पूरी दुनिया में छा जाना चाहती थीं। पर रविवार के दिन उनकी जिंदगी का दूसरा पहलू देखने को मिला। आज वह मंदिर की सीढ़ियों , पार्कों और सड़कों के किनारे रात गुजारने को बेबस है। मांउट कारमेल स्कूल की यह पूर्व छात्रा एक घर में मैड का काम करने के साथ अपनी रातें कई लोगों के साथ गुजार चुकी है सिर्फ और सिर्फ अपनी ड्रग्स की लत को शांत करने के लिए। और अब अपना समय फुटपाथों पर बिता रही हैं। गीतांजलि का पति जर्मनी में उनके बच्चे के साथ रह रहा है और अभी भी उनका इंतजार कर रहा है। जब मेट्रो नाओ ने बातचीत के दौरान उसका फोटो लेने को कहा तो एक फेमस मॉडल की तरह उन्होंने अपनी टी-शर्ट को कंधे तक नीचे कर लिया और एक खूबसूरत पोज में खड़ी हो गईं। सोमवार के दिन स्टोरी छपने के बाद से गीतांजलि फिर से लाइट में आ गईं। बाद में पुलिस उन्हें पकड़कर थाने ले गई और फिर क्वॉलिस गाड़ी से विमहंस अस्पताल भेज दिया जहां दिमागी बीमारों का इलाज किया जाता है। साइकाइट्रिस्टों ने चैकअप के बाद बताया कि वह क्वॉलिस गाड़ी से बाहर नहीं उतरना चाह रही थीं और जो लोग उसका पीछा कर रहे थे उन्हें रास्ते भर गालियां देती रहीं। साथ ही उन्होंने शिकायत की कि उसके पूरे शरीर पर गंदगी की वजह से रेशेज हो रहे हैं और वह चिढ़चिढ़े स्वभाव की हो गई हैं। गीतांजलि की इस बदहाली के लिए आप किसे जिम्मेदार मानते हैं खुद गीतांजलि को, समाज को या फिर फैशन इंडस्ट्री को ? क्या गीतांजलि हाई क्लास लड़कियों की बढ़ती महत्वाकांक्षाओं का एक बिगड़ा रूप है ?
(नवभारत टाइम्स से साभार) (पूरी खबर पढ़ें : http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/2336436.cms)

3 comments:

  1. bahut sahi sawal utaya hain apne?? lekin ispar aapka kya stand hain?

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  2. modernization aur fast lifestyle culture aaj ke yuvaon ko andhi khoh mein dhakel raha hai. aisa nahi hai ki mod hona galat hai. hamare sath pareshani yah hai ki hum har cheez ko apne man mutabik customize kar lete hain. bus yahi galat hai. udhahran ke liye dharm ko political parities apn man-mutabik dhaal leti hain. vaise hi advance culture mein buraiee nahi hai, buraiee usko apnane ke tarike mein hai. yuva sochte hain ki is tarah se wo khushiyan hasil kar rahe hain jabki long term mein yahi unke liye dukhon ka pahad ban jata hai. jise ya to wo sahte rahte hain ya fir uske neeche dab jate hain. geetanjali ke alawa bhi kayi aisi models hain jo gumnami mein kho gayi aur pichhle kuchh salon mein to models mein suicidal tendency bhi badhi hai.

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