Thursday, October 21, 2010

प्रेस स्वतंत्रता में भारत 122वें स्थान पर

लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहे जाने वाले मीडिया भारत में हांलाकि बहुत स्वतंत्र है लेकिन अपने दायित्वों को पूरा करते समय मीडिया को हजार तरह की बंदिशों का भी सामना करना पड़ता है। पत्रकार संगठन रिपोर्टर विदाउट बोर्डर्स ने कुछ यूरोपीय देशों में प्रेस पर बढ़ते नियंत्रण की आलोचना की है, लेकिन छह देशों की प्रेस स्वतंत्रता के लिए सराहना की है। जिसमें भारत को 122 स्थान प्राप्त किया है।

प्रेस की आजादी पर न्यूयॉर्क में अपनी ताजा सूची जारी करते हुए रिपोर्टर विदाउट बॉर्डर्स ने कहा है कि फिनलैंड, आइसलैंड, नीडरलैंड, नॉर्वे, स्वीडन और स्विट्जरलैंड 2002 में सूची की शुरू होने के बाद से ही चोटी पर है।

पत्रकार संगठन का कहना है कि इसके साथ वे पत्रकारों के सम्मान और मीडिया की सुरक्षा में अनुकरणीय उदाहरण हैं।

पत्रकार संगठन का कहना है कि इसके विपरीत यूरोपीय संघ मीडिया की आजादी के सवाल पर नेतृत्व खोने के खतरे में है। हालाँकि यूरोपीय संघ के 27 सदस्य देशों में से 13 रिपोर्टर विदाउट बोर्डर्स की सूची में पहले 20 में शामिल हैं, लेकिन बाकी 14 सूची में बहुत नीचे हैं।

यूरोपीय संघ के महत्वपूर्ण सदस्यों में शामिल फ्रांस 44वें, इटली 49वें, रुमानिया 52वें और ग्रीस तथा बुल्गारिया बेनिनकेन्या और कोमोरोन के साथ 70वें स्थान पर हैं। जर्मनी की स्थिति पिछले साल के मुकाबले सुधरी है और वह 17वें स्थान पर पहुँच गया है जबकि अमेरिका 20वें स्थान पर है। भारत 17 स्थान गिरकर 122वें स्थान पर पहुँच गया है। 178 देशों की सूची में चीन 171वें स्थान पर है।

प्रेस स्वतंत्रता में भारत 122वें स्थान पर

लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहे जाने वाले मीडिया भारत में हांलाकि बहुत स्वतंत्र है लेकिन अपने दायित्वों को पूरा करते समय मीडिया को हजार तरह की बंदिशों का भी सामना करना पड़ता है। पत्रकार संगठन रिपोर्टर विदाउट बोर्डर्स ने कुछ यूरोपीय देशों में प्रेस पर बढ़ते नियंत्रण की आलोचना की है, लेकिन छह देशों की प्रेस स्वतंत्रता के लिए सराहना की है। जिसमें भारत को 122 स्थान प्राप्त किया है।

प्रेस की आजादी पर न्यूयॉर्क में अपनी ताजा सूची जारी करते हुए रिपोर्टर विदाउट बॉर्डर्स ने कहा है कि फिनलैंड, आइसलैंड, नीडरलैंड, नॉर्वे, स्वीडन और स्विट्जरलैंड 2002 में सूची की शुरू होने के बाद से ही चोटी पर है।

पत्रकार संगठन का कहना है कि इसके साथ वे पत्रकारों के सम्मान और मीडिया की सुरक्षा में अनुकरणीय उदाहरण हैं।

पत्रकार संगठन का कहना है कि इसके विपरीत यूरोपीय संघ मीडिया की आजादी के सवाल पर नेतृत्व खोने के खतरे में है। हालाँकि यूरोपीय संघ के 27 सदस्य देशों में से 13 रिपोर्टर विदाउट बोर्डर्स की सूची में पहले 20 में शामिल हैं, लेकिन बाकी 14 सूची में बहुत नीचे हैं।

यूरोपीय संघ के महत्वपूर्ण सदस्यों में शामिल फ्रांस 44वें, इटली 49वें, रुमानिया 52वें और ग्रीस तथा बुल्गारिया बेनिनकेन्या और कोमोरोन के साथ 70वें स्थान पर हैं। जर्मनी की स्थिति पिछले साल के मुकाबले सुधरी है और वह 17वें स्थान पर पहुँच गया है जबकि अमेरिका 20वें स्थान पर है। भारत 17 स्थान गिरकर 122वें स्थान पर पहुँच गया है। 178 देशों की सूची में चीन 171वें स्थान पर है।

Thursday, October 14, 2010

नए ट्रेंड के साथ तिवारी जी

दैनिक भास्कर और हिंदुस्तान के तेजतर्रार संपादक में गिने जाने वाले राजेंद्र तिवारी के बारे में लगाए जा रहे कयासों का बाजार खत्म अब हो गया है। खबर आ रही है कि वे अब अमर उजाला का पार्ट नहीं बनने जा रहे हैं। वे अपने प्रोजेक्ट के साथ विनिंग स्टोक्स के साथ जुड़ने जा रहे हैं।

विनिंग स्टोक्स एक मीडिया एचआर कंसल्टेंसी कंपनी है जो देशभर के कई बड़े मीडिया घरानों (जिसमें न्यूज एक्स और प्रभात खबर शामिल हैं) को अपनी सेवाएं उपलब्ध कराती है। इस कंपनी के मालिक हैं विप्लव बनर्जी। विप्लव बनर्जी के बारे में आपको बता दें कि वे वहीं विप्लव बनर्जी हैं जो कुछ समय पहले दैनिक भास्कर समूह के एचआर हेड हुआ करते थे। विप्लव दैनिक भास्कर के आलावा जी समूह के भी एचआर हेड रह चुके हैं। इन दोनों मीडिया संस्थानों के आलावा भी वे हिंदुस्तान लीवर में अपनी काबिलियत का लोहा मनवा चुके हैं।

सूत्रों ने बताया कि इसी विनिंग स्टोक्स के साथ राजेंद्र तिवारी भी अपने नए प्रोजेक्ट के साथ जुड़ने जा रहे हैं। वे वहां संपादकीय प्रभारी होंगे। यानी कंपनी में उनकी हैसियत संपादक की होगी। कंपनी अब नए नवेले और पुराने लोगों को तकनीक के इस्तेमाल के साथ संपादकीय के गुर सिखाएगी। जिसकी कमान राजेंद्र तिवारी के हाथ में होगी। यह कंपनी न्यूज रूम ट्रेनिंग देगी। देश में इस तरह की ट्रेनिंग देने वाली यह पहली कंपनी है। क्योंकि अभी तक आडियो वीडियो और आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल के साथ कोई भी इस प्रकार की ट्रेनिंग नहीं देता। राजेंद्र तिवारी कई मीडिया हाउसों में संपादकीय प्रभारी के रूम में काम कर चुके हैं। वे सहारा और अमर उजाला में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उनके बारे में कयास लगाया जा रहा था कि वे हिंदुस्तान के बाद अमर उजाला जा सकते हैं पर उन्होंने पत्रकारिता में कुछ नया करने की ठानी और अब वे नए नवेले और पुराने लोगों को अपने न्यूज रूम ट्रेनिंग के माध्यम से संपादकीय के गुर सिखाएंगे।

जनसत्ता एक्सप्रेस डॉट नेट से साभार

नए ट्रेंड के साथ तिवारी जी

दैनिक भास्कर और हिंदुस्तान के तेजतर्रार संपादक में गिने जाने वाले राजेंद्र तिवारी के बारे में लगाए जा रहे कयासों का बाजार खत्म अब हो गया है। खबर आ रही है कि वे अब अमर उजाला का पार्ट नहीं बनने जा रहे हैं। वे अपने प्रोजेक्ट के साथ विनिंग स्टोक्स के साथ जुड़ने जा रहे हैं।

विनिंग स्टोक्स एक मीडिया एचआर कंसल्टेंसी कंपनी है जो देशभर के कई बड़े मीडिया घरानों (जिसमें न्यूज एक्स और प्रभात खबर शामिल हैं) को अपनी सेवाएं उपलब्ध कराती है। इस कंपनी के मालिक हैं विप्लव बनर्जी। विप्लव बनर्जी के बारे में आपको बता दें कि वे वहीं विप्लव बनर्जी हैं जो कुछ समय पहले दैनिक भास्कर समूह के एचआर हेड हुआ करते थे। विप्लव दैनिक भास्कर के आलावा जी समूह के भी एचआर हेड रह चुके हैं। इन दोनों मीडिया संस्थानों के आलावा भी वे हिंदुस्तान लीवर में अपनी काबिलियत का लोहा मनवा चुके हैं।

सूत्रों ने बताया कि इसी विनिंग स्टोक्स के साथ राजेंद्र तिवारी भी अपने नए प्रोजेक्ट के साथ जुड़ने जा रहे हैं। वे वहां संपादकीय प्रभारी होंगे। यानी कंपनी में उनकी हैसियत संपादक की होगी। कंपनी अब नए नवेले और पुराने लोगों को तकनीक के इस्तेमाल के साथ संपादकीय के गुर सिखाएगी। जिसकी कमान राजेंद्र तिवारी के हाथ में होगी। यह कंपनी न्यूज रूम ट्रेनिंग देगी। देश में इस तरह की ट्रेनिंग देने वाली यह पहली कंपनी है। क्योंकि अभी तक आडियो वीडियो और आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल के साथ कोई भी इस प्रकार की ट्रेनिंग नहीं देता। राजेंद्र तिवारी कई मीडिया हाउसों में संपादकीय प्रभारी के रूम में काम कर चुके हैं। वे सहारा और अमर उजाला में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उनके बारे में कयास लगाया जा रहा था कि वे हिंदुस्तान के बाद अमर उजाला जा सकते हैं पर उन्होंने पत्रकारिता में कुछ नया करने की ठानी और अब वे नए नवेले और पुराने लोगों को अपने न्यूज रूम ट्रेनिंग के माध्यम से संपादकीय के गुर सिखाएंगे।

जनसत्ता एक्सप्रेस डॉट नेट से साभार

Tuesday, October 5, 2010

इस हूटिंग की गूंज सुनें

कॉमनवेल्थ खेलों का भव्य और रंगारंग शुभारंभ हुआ और हमने अपनी लोक-शास्त्रीय शैली की कलाओं के साथ ही अत्याधुनिक तकनीक का प्रदर्शन कर पूरी दुनिया का मन मोह लिया। लेकिन इस अवसर पर एक और महत्वपूर्ण बात हुई। भारत के कॉमनवेल्थ दल का तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत करने वाले दर्शकों ने आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाडी का नाम पुकारे जाने पर उनकी हूटिंग की। इस हूटिंग के आश्य स्पष्ट हैं। यह हमारे तंत्र के लिए अवाम का साफ संदेश है कि अब वह भ्रष्टाचार और अनियमितता को बर्दाश्त नहीं करेगी। हमारे हुक्मरान इस हूटिंग की गूंज सुन रहे हैं?


साभारः दैनिक भास्कर अखबार

इस हूटिंग की गूंज सुनें

कॉमनवेल्थ खेलों का भव्य और रंगारंग शुभारंभ हुआ और हमने अपनी लोक-शास्त्रीय शैली की कलाओं के साथ ही अत्याधुनिक तकनीक का प्रदर्शन कर पूरी दुनिया का मन मोह लिया। लेकिन इस अवसर पर एक और महत्वपूर्ण बात हुई। भारत के कॉमनवेल्थ दल का तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत करने वाले दर्शकों ने आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाडी का नाम पुकारे जाने पर उनकी हूटिंग की। इस हूटिंग के आश्य स्पष्ट हैं। यह हमारे तंत्र के लिए अवाम का साफ संदेश है कि अब वह भ्रष्टाचार और अनियमितता को बर्दाश्त नहीं करेगी। हमारे हुक्मरान इस हूटिंग की गूंज सुन रहे हैं?


साभारः दैनिक भास्कर अखबार