Friday, February 19, 2010

चुगली में आगे होती हैं महिलाएं

ऑफिस में सहकर्मी से जरा संभल कर बात करें। होठों पर मुस्कराहट लिए आपका स्वागत करने वाला सहकर्मी पीठ पीछे आपकी चुगली में मशगूल हो सकता है। ब्रिटेन में 'वन पाल' के लिए दो हजार व्यक्तियों पर किए गए एक सर्वेक्षण से पता लगा है कि हर पांच में से एक कर्मचारी अपने साथ काम करने वाले लोगों की निन्दा करता है। यह भी पाया गया कि पुरूषों के मुकाबले महिलाएं पीठ पीछे ज्यादा चुगली करती हैं।


एक महिला कर्मचारी रोजाना लगभग 20 मिनट सहकर्मी के बारे में चुगली करती है और इसके लिए वे ई-मेल या ऑनलाइन मैसेंजिंग का इस्तेमाल करती हैं। पांच में से एक महिला का कहना था कि उसने पिछले सात दिन में सहकर्मियों के बारे में आलोचनात्मक मैसेज भेजे। इन सहकर्मियों से वे जलती थीं या फिर उन्हें खतरे के रूप में देखती थीं।

मीडिया सबसे आगे
अध्ययन के अनुसार सहकर्मियों की पीठ पीछे निन्दा करने का चलन मीडिया में सबसे ज्यादा है। उसके बाद एकाउंट्स, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और सेल्स का स्थान आता है। सर्वेक्षण में बताया गया कि लगभग साठ लाख कर्मचारी अपने साथ काम करने वाले लोगों की चुगली में लगे रहते हैं। इनमें से भी लगभग एक-तिहाई कर्मचारी सहकर्मी की पीठ के पीछे नियमित रूप से उसकी निन्दा करते हैं।

काम के बाद भी चुगली
यह भी जानना दिलचस्प है कि सहकर्मी की पीठ पीछे निन्दा करने का यह सिलसिला ऑफिस पर ही खत्म नहीं हो जाता है। चार में से एक व्यक्ति ने माना कि वे काम के बाद पब में भी सहकर्मियों की निन्दा करना पसंद करते हैं। एक-तिहाई कर्मचारियों का कहना था कि वे सहकर्मियों को इस हद तक नापसंद करते हैं कि ऑफिस से बाहर उनके साथ कोई ताल्लुक नहीं रखना चाहते। शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला है कि ऑफिस में तनाव के लिए बॉस मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं। सीनियर मैनेजमेंट को सबसे कम पसंद किया जाता है।

रहिए सावधान!
पुरूष कर्मचारियों को सबसे ज्यादा शिकायत इस बात को लेकर थी कि उनका सहयोगी आलसी है या बातें बहुत बनाता है। वन पाल के प्रवक्ता का कहना था कि कर्मचारी काम ज्यादा बढने पर एक-दूसरे के साथ अधिक समय बिताते हैं, जिससे उनमें तनाव बढता है। इसका परिणाम यह होता है कि उनसे ऊंचे पद पर काम करने वाले कर्मचारियों को उनकी निन्दा का पात्र बनना पडता है। लेकिन कर्मचारियों को सावधान रहना चाहिए क्योंकि बीस में से एक कर्मचारी गलत व्यक्ति को अनुचित संदेश भेज देता है।

क्या यह वाकई सच है?


* राजस्थान पत्रिका डॉट कॉम से साभार

चुगली में आगे होती हैं महिलाएं

ऑफिस में सहकर्मी से जरा संभल कर बात करें। होठों पर मुस्कराहट लिए आपका स्वागत करने वाला सहकर्मी पीठ पीछे आपकी चुगली में मशगूल हो सकता है। ब्रिटेन में 'वन पाल' के लिए दो हजार व्यक्तियों पर किए गए एक सर्वेक्षण से पता लगा है कि हर पांच में से एक कर्मचारी अपने साथ काम करने वाले लोगों की निन्दा करता है। यह भी पाया गया कि पुरूषों के मुकाबले महिलाएं पीठ पीछे ज्यादा चुगली करती हैं।


एक महिला कर्मचारी रोजाना लगभग 20 मिनट सहकर्मी के बारे में चुगली करती है और इसके लिए वे ई-मेल या ऑनलाइन मैसेंजिंग का इस्तेमाल करती हैं। पांच में से एक महिला का कहना था कि उसने पिछले सात दिन में सहकर्मियों के बारे में आलोचनात्मक मैसेज भेजे। इन सहकर्मियों से वे जलती थीं या फिर उन्हें खतरे के रूप में देखती थीं।

मीडिया सबसे आगे
अध्ययन के अनुसार सहकर्मियों की पीठ पीछे निन्दा करने का चलन मीडिया में सबसे ज्यादा है। उसके बाद एकाउंट्स, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और सेल्स का स्थान आता है। सर्वेक्षण में बताया गया कि लगभग साठ लाख कर्मचारी अपने साथ काम करने वाले लोगों की चुगली में लगे रहते हैं। इनमें से भी लगभग एक-तिहाई कर्मचारी सहकर्मी की पीठ के पीछे नियमित रूप से उसकी निन्दा करते हैं।

काम के बाद भी चुगली
यह भी जानना दिलचस्प है कि सहकर्मी की पीठ पीछे निन्दा करने का यह सिलसिला ऑफिस पर ही खत्म नहीं हो जाता है। चार में से एक व्यक्ति ने माना कि वे काम के बाद पब में भी सहकर्मियों की निन्दा करना पसंद करते हैं। एक-तिहाई कर्मचारियों का कहना था कि वे सहकर्मियों को इस हद तक नापसंद करते हैं कि ऑफिस से बाहर उनके साथ कोई ताल्लुक नहीं रखना चाहते। शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला है कि ऑफिस में तनाव के लिए बॉस मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं। सीनियर मैनेजमेंट को सबसे कम पसंद किया जाता है।

रहिए सावधान!
पुरूष कर्मचारियों को सबसे ज्यादा शिकायत इस बात को लेकर थी कि उनका सहयोगी आलसी है या बातें बहुत बनाता है। वन पाल के प्रवक्ता का कहना था कि कर्मचारी काम ज्यादा बढने पर एक-दूसरे के साथ अधिक समय बिताते हैं, जिससे उनमें तनाव बढता है। इसका परिणाम यह होता है कि उनसे ऊंचे पद पर काम करने वाले कर्मचारियों को उनकी निन्दा का पात्र बनना पडता है। लेकिन कर्मचारियों को सावधान रहना चाहिए क्योंकि बीस में से एक कर्मचारी गलत व्यक्ति को अनुचित संदेश भेज देता है।

क्या यह वाकई सच है?


* राजस्थान पत्रिका डॉट कॉम से साभार