Friday, November 7, 2008
मजा लीजिए भाई उडनतस्तरी की इस गजल का...
सारा दिन गुजार दिया बस उसी खुमार में,
गम गलत हुआ जरा तो इश्क जागने लगा,
रोज धोखे खा रहे हैं जबकि हम तो प्यार में,
कैश जितना जेब में था, वो तो देकर आ गये,
बाकी जितनी पी गये, वो लिख गई उधार में,
यों चढ़ा नशा कि होश, होश को गंवा गया,
और नींद पी गई उसे बची जो जार में,
वो दिखे तो साथ में लिये थे अपने भाई को,
गुठलियाँ भी साथ आईं, आम के अचार में,
याद की गली से दूर, नींद आये रात भर,
सो गया मैं चैन से चादर बिछा मजार में,
हुआ ज़फ़र के चार दिन की उम्र का हिसाब यूँ,
कटा है एक इश्क में, कटेंगे तीन बार में,
होश की दवाओं में, बहक गये "लेले" भी,
फूल की तलाश थी, अटक गये हैं खार में....
मजा लीजिए भाई उडनतस्तरी की इस गजल का...
सारा दिन गुजार दिया बस उसी खुमार में,
गम गलत हुआ जरा तो इश्क जागने लगा,
रोज धोखे खा रहे हैं जबकि हम तो प्यार में,
कैश जितना जेब में था, वो तो देकर आ गये,
बाकी जितनी पी गये, वो लिख गई उधार में,
यों चढ़ा नशा कि होश, होश को गंवा गया,
और नींद पी गई उसे बची जो जार में,
वो दिखे तो साथ में लिये थे अपने भाई को,
गुठलियाँ भी साथ आईं, आम के अचार में,
याद की गली से दूर, नींद आये रात भर,
सो गया मैं चैन से चादर बिछा मजार में,
हुआ ज़फ़र के चार दिन की उम्र का हिसाब यूँ,
कटा है एक इश्क में, कटेंगे तीन बार में,
होश की दवाओं में, बहक गये "लेले" भी,
फूल की तलाश थी, अटक गये हैं खार में....
Friday, October 10, 2008
कहीं भरमार तो कहीं बदलाव
पीपुल्स में संपादकों की भरमार
राजधानी भोपाल से जल्द ही प्रकाशित होने पीपुल्स समूह के अखबार में नईदुनिया इंदौर व दैनिक जागरण सहित कई अखबारों के संपादक रहे ओमप्रकाश ने भी ज्वाइन कर लिया है। इससे पहले यहां महेश श्रीवास्तव, विनोद तिवारी , नईदुनिया इंदौर छोड़कर आए राजेश पांडेय, नवभारत भोपाल के बाद पीपुल्स ज्वाइन करने वाले पंकज पाठक और हिंदू के ललित शास्त्री पहले से ही हैं।
पत्रिका छोंड़ेंगे
इंदौर में दस दिनों पहले शुरू हुए में पत्रिका में भास्कर ने सेंध लगा दी है। क्राइम रिपोर्टर पवनसिंह राठौड़ सहित दस पत्रकार जल्द ही भास्कर ज्वाइन कर रहे हैं। सुना है कि पत्रिका की अंदरूनी राजनीति एवं मैनेजमेंट के बचकानेपन के फैसलों की वजह से यह स्थिति निर्मित हुई है।
Thursday, October 9, 2008
पत्रिका में वापस..
Wednesday, October 8, 2008
जॉब स्विचिंग..
Friday, September 26, 2008
इंदौरी हलचल
* नईदुनिया इंदौर के स्थानीय संपादक श्रीराजेश पांडेय ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वे भोपाल से शुरु होने वाले पीपुल्स ग्रुप के अखबार को ज्वाइन कर रहे हैं। उनके स्थान पर भोपाल से किसी को संपादक बनाकर भेजे जाने की खबरें चल रही हैं।
* न्यूज टुडे इंदौर की सेंट्रल डेस्क पर कार्यरत ईशान अवस्थी का ट्रांसफर कोटा पत्रिका कर दिया गया है।
Monday, September 8, 2008
दैनिक भास्कर कोटा से पलायन..
* दैनिक भास्कर के एडीशन से इन दिनों पलायन का दौर जारी है। वहां कार्यरत उपसंपादक कन्हैया शर्मा और दीपक शर्मा ने संस्थान से इस्तीफा देकर कोटा पत्रिका ज्वाइन कर लिया है। धर्मेंद्र यादव भी संस्थान को बाय बोल चुके हैं।
* दो महीने पहले ही पत्रिका ज्वाइन कर चुके जग्गो सिंह धाकड़ का तबादला भी पत्रिका के कोटा संस्करण में कर दिया गया है।
* सुशील झा पहले ही संस्थान छोड़ चुके हैं।
* कोटा दैनिक भास्कर में रिपोर्टर रह चुकीं प्रीति जोशी ने भी पत्रिका के अखबार डेली न्यूज को ज्वाइन कर लिया है। कुल मिलाकर आधा दर्जन से ज्यादा लोगों ने संस्थान छोड़कर अन्यत्र नौकरियां खोज ली हैं।
Saturday, September 6, 2008
पंजाब केसरी का एक और विकेट गिरा
अधीर सक्सेना महामीडिया के संपादक
अरविंद वेबदुनिया में..
Monday, September 1, 2008
आवश्यक सूचना
कथा महोत्सव-2008
अभिव्यक्ति, भारतीय साहित्य संग्रह तथा वैभव प्रकाशन द्वारा आयोजित
- कथा महोत्सव-2008 अभिव्यक्ति, भारतीय साहित्य संग्रह तथा वैभव प्रकाशन द्वारा आयोजित अभिव्यक्ति, भारतीय साहित्य संग्रह तथा वैभव प्रकाशन की ओर से कथा महोत्सव 2008 के लिए हिन्दी कहानियाँ आमंत्रित की जाती हैं।
- दस चुनी हुई कहानियों को एक संकलन के रूप में में वैभव प्रकाशन, रायपुर द्वारा प्रकाशित किया जाएगा और भारतीय साहित्य संग्रह से http://www.pustak.org/ पर ख़रीदा जा सकेगा।
- इन चुनी हुई कहानियों के लेखकों को 5 हज़ार रुपये नकद तथा प्रमाणपत्र सम्मान के रूप में प्रदान किए जाएँगे। प्रमाणपत्र विश्व में कहीं भी भेजे जा सकते हैं लेकिन नकद राशि केवल भारत में ही भेजी जा सकेगी।
- महोत्सव में भाग लेने के लिए कहानी को ईमेल अथवा डाक से भेजा जा सकता है। ईमेल द्वारा कहानी भेजने का पता है- teamabhi@abhivyakti-hindi.org डाक द्वारा कहानियाँ भेजने का पता है- रश्मि आशीष, संयोजक- अभिव्यक्ति कथा महोत्सव-2008, ए - 367 इंदिरा नगर, लखनऊ- 226016, भारत
- महोत्सव के लिए भेजी जाने वाली कहानियाँ स्वरचित व अप्रकाशित होनी चाहिए तथा इन्हें महोत्सव का निर्णय आने से पहले कहीं भी प्रकाशित नहीं होना चाहिए।
- कहानी के साथ लेखक का प्रमाण पत्र संलग्न होना चाहिए कि यह रचना स्वरचित व अप्रकाशित है।
- प्रमाण पत्र में लेखक का नाम, डाक का पता, फ़ोन नम्बर ईमेल का पता व भेजने की तिथि होना चाहिए।
- कहानी के साथ लेखक का रंगीन पासपोर्ट आकार का चित्र व संक्षिप्त परिचय होना चाहिए।
- कहानियाँ लिखने के लिए A4 आकार के काग़ज़ का प्रयोग किया जाना चाहिए।
- ई मेल से भेजी जाने वाली कहानियाँ एम एस वर्ड में भेजी जानी चाहिए। प्रमाण पत्र तथा परिचय इसी फ़ाइल के पहले दो पृष्ठों पर होना चाहिए। फ़ोटो जेपीजी फॉरमैट में अलग से भेजी जा सकती है। लेकिन इसी मेल में संलग्न होनी चाहिए। फोटो का आकार 200 x 300 पिक्सेल से कम नहीं होना चाहिए। कहानी यूनिकोड में टाइप की गई हो तो अच्छा है लेकिन उसे कृति, चाणक्य या सुशा फॉन्ट में भी टाइप किया जा सकता है।
- कहानी का आकार 2500 शब्दों से 3500 शब्दों के बीच होना चाहिए।
- कहानी का विषय लेखक की इच्छा के अनुसार कुछ भी हो सकता है लेकिन उसमें मानवीय मूल्यों के प्रति आस्था होना ज़रूरी है।
- इस महोत्सव में नए, पुराने, भारतीय, प्रवासी, सभी सभी देशों के निवासी तथा सभी आयु-वर्ग के लेखक भाग ले सकते हैं।
- देश अथवा विदेश में हिन्दी की लोकप्रियता तथा प्रचार प्रसार के लिए चुनी गई कहानियों को आवश्यकतानुसार प्रकाशित प्रसारित करने का अधिकार अभिव्यक्ति के पास सुरक्षित रहेगा। लेकिन निर्णय आने के बाद अपना कहानी संग्रह बनाने या अपने व्यक्तिगत ब्लॉग पर इन कहानियों को प्रकाशित करने के लिए लेखक स्वतंत्र रहेंगे।
- चुनी हुई कहानियों के विषय में अभिव्यक्ति के निर्णायक मंडल का निर्णय अंतिम व मान्य होगा।
- कहानियाँ भेजने की अंतिम तिथि 15 नवंबर 2008 है।
- यह विवरण http://www.abhivyakti-hindi.org/kahaniyan/2008/kathamahotsav2008.htm पर वेब पर भी देखा जा सकता है।
Sunday, August 31, 2008
गर्माता मीडिया बाजार..
* पीपुल्स ग्रुप का समाचार पत्र जल्द
पीपुल्स ग्रुप का दैनिक अखबार भोपाल में एक अक्टूबर से लांच होने जा रहा है। वरिष्ठ पत्रकार महेश श्रीवास्तव इसके प्रधान संपादक हैं। कई अखबारों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले ललित शास्त्री इसके स्थानीय संपादक होंगे।
* पीपुल्स न्यूज एजेंसी में भंडारी
यूएनआई में कई वर्षों तक काम कर चुके श्री एके भंडारी पीपुल्स ग्रुप द्वारा शुरु की जा रही समाचार एजेंसी पीपुल्स न्यूज एजेंसी के सर्वेसर्वा होंगे।
* सांध्य यश भारत भोपाल से
जबलपुर का प्रसिद्ध इवनिंगर अखबार यश भारत जल्द ही भोपाल संस्करण शुरु करने जा रहा है
* हरिभूमि जबलपुर से
हरिभूमि अखबार जल्द ही जबलपुर संस्करण शुरु करने जा रहा है। इसका अपकंट्री एडीशन 14 सितंबर से शुरु होने की उम्मीद है। सीनियर जर्नलिस्ट निशांत शर्मा इसके एडीटर होंगे।।
* पत्रिका भी जल्द हो सकता है शुरु
ऐसी खबरें हैं कि राजस्थान पत्रिका भोपाल के बाद अपना इंदौर संस्करण भी इसी महीने शुरु कर सकता है। सूत्रों से मिली खबरों के मुताबिक 15 सितंबर से एडीशन शुरु किया जा सकता है।
गर्माता मीडिया बाजार..
* पीपुल्स ग्रुप का समाचार पत्र जल्द
पीपुल्स ग्रुप का दैनिक अखबार भोपाल में एक अक्टूबर से लांच होने जा रहा है। वरिष्ठ पत्रकार महेश श्रीवास्तव इसके प्रधान संपादक हैं। कई अखबारों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले ललित शास्त्री इसके स्थानीय संपादक होंगे।
* पीपुल्स न्यूज एजेंसी में भंडारी
यूएनआई में कई वर्षों तक काम कर चुके श्री एके भंडारी पीपुल्स ग्रुप द्वारा शुरु की जा रही समाचार एजेंसी पीपुल्स न्यूज एजेंसी के सर्वेसर्वा होंगे।
* सांध्य यश भारत भोपाल से
जबलपुर का प्रसिद्ध इवनिंगर अखबार यश भारत जल्द ही भोपाल संस्करण शुरु करने जा रहा है
* हरिभूमि जबलपुर से
हरिभूमि अखबार जल्द ही जबलपुर संस्करण शुरु करने जा रहा है। इसका अपकंट्री एडीशन 14 सितंबर से शुरु होने की उम्मीद है। सीनियर जर्नलिस्ट निशांत शर्मा इसके एडीटर होंगे।।
* पत्रिका भी जल्द हो सकता है शुरु
ऐसी खबरें हैं कि राजस्थान पत्रिका भोपाल के बाद अपना इंदौर संस्करण भी इसी महीने शुरु कर सकता है। सूत्रों से मिली खबरों के मुताबिक 15 सितंबर से एडीशन शुरु किया जा सकता है।
Friday, August 29, 2008
हिंदी का बेहतर भविष्य: मार्क टली
हिंदी का बेहतर भविष्य: मार्क टली
Thursday, August 21, 2008
आजाद है भारत..
आजाद है भारत,
आजादी के पर्व की शुभकामनाएँ।
पर आजाद नहीं जन भारत के,
फिर से छेड़ें संग्रामजन की आजादी लाएँ।
देशभक्ति से ऒतप्रोत यह रचना है श्रीमान दिनेशराय द्विवेदी की।
आजाद है भारत..
आजाद है भारत,
आजादी के पर्व की शुभकामनाएँ।
पर आजाद नहीं जन भारत के,
फिर से छेड़ें संग्रामजन की आजादी लाएँ।
देशभक्ति से ऒतप्रोत यह रचना है श्रीमान दिनेशराय द्विवेदी की।
भारतीय तिरंगे का इतिहास..
"हमारे लिए यह अनिवार्य होगा कि हम भारतीय मुस्लिम, ईसाई, ज्यूस, पारसी और अन्य सभी, जिनके लिए भारत एक घर है, एक ही ध्वज को मान्यता दें और इसके लिए मर मिटें।"
प्रत्येक स्वतंत्र राष्ट्र का अपना एक ध्वज होता है। यह एक स्वतंत्र देश होने का संकेत है। भारतीय राष्ट्रीय ध्वज की अभिकल्पना पिंगली वैंकैयानन्द ने की थी और इसे इसके वर्तमान स्वरूप में 22 जुलाई 1947 को आयोजित भारतीय संविधान सभा की बैठक के दौरान अपनाया गया था, जो 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से भारत की स्वतंत्रता के कुछ ही दिन पूर्व की गई थी। इसे 15 अगस्त 1947 और 26 जनवरी 1950 के बीच भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया और इसके पश्चात भारतीय गणतंत्र ने इसे अपनाया। भारत में ‘’तिरंगे’’ का अर्थ भारतीय राष्ट्रीय ध्वज है।
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज में तीन रंग की क्षैतिज पट्टियां हैं, सबसे ऊपर केसरिया, बीच में सफेद ओर नीचे गहरे हरे रंग की पट्टी और ये तीनों समानुपात में हैं। ध्वज की चौड़ाई का अनुपात इसकी लंबाई के साथ 2 और 3 का है। सफेद पट्टी के मध्य में गहरे नीले रंग का एक चक्र है। यह चक्र अशोक की राजधानी के सारनाथ के शेर के स्तंभ पर बना हुआ है। इसका व्यास लगभग सफेद पट्टी की चौड़ाई के बराबर होता है और इसमें 24 तीलियां है।
यह जानना अत्यंत रोचक है कि हमारा राष्ट्रीय ध्वज अपने आरंभ से किन-किन परिवर्तनों से गुजरा। इसे हमारे स्वतंत्रता के राष्ट्रीय संग्राम के दौरान खोजा गया या मान्यता दी गई। भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का विकास आज के इस रूप में पहुंचने के लिए अनेक दौरों में से गुजरा। एक रूप से यह राष्ट्र में राजनैतिक विकास को दर्शाता है। हमारे राष्ट्रीय ध्वज के विकास में कुछ ऐतिहासिक पड़ाव इस प्रकार हैं :-
* तृतीय ध्वज 1917 में आया जब हमारे राजनैतिक संघर्ष ने एक निश्चित मोड लिया। डॉ. एनी बीसेंट और लोकमान्य तिलक ने घरेलू शासन आंदोलन के दौरान इसे फहराया। इस ध्वज में 5 लाल और 4 हरी क्षैतिज पट्टियां एक के बाद एक और सप्तऋषि के अभिविन्यास में इस पर बने सात सितारे थे। बांयी और ऊपरी किनारे पर (खंभे की ओर) यूनियन जैक था। एक कोने में सफेद अर्धचंद्र और सितारा भी था।
भारतीय तिरंगे का इतिहास..
"हमारे लिए यह अनिवार्य होगा कि हम भारतीय मुस्लिम, ईसाई, ज्यूस, पारसी और अन्य सभी, जिनके लिए भारत एक घर है, एक ही ध्वज को मान्यता दें और इसके लिए मर मिटें।"
प्रत्येक स्वतंत्र राष्ट्र का अपना एक ध्वज होता है। यह एक स्वतंत्र देश होने का संकेत है। भारतीय राष्ट्रीय ध्वज की अभिकल्पना पिंगली वैंकैयानन्द ने की थी और इसे इसके वर्तमान स्वरूप में 22 जुलाई 1947 को आयोजित भारतीय संविधान सभा की बैठक के दौरान अपनाया गया था, जो 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से भारत की स्वतंत्रता के कुछ ही दिन पूर्व की गई थी। इसे 15 अगस्त 1947 और 26 जनवरी 1950 के बीच भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया और इसके पश्चात भारतीय गणतंत्र ने इसे अपनाया। भारत में ‘’तिरंगे’’ का अर्थ भारतीय राष्ट्रीय ध्वज है।
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज में तीन रंग की क्षैतिज पट्टियां हैं, सबसे ऊपर केसरिया, बीच में सफेद ओर नीचे गहरे हरे रंग की पट्टी और ये तीनों समानुपात में हैं। ध्वज की चौड़ाई का अनुपात इसकी लंबाई के साथ 2 और 3 का है। सफेद पट्टी के मध्य में गहरे नीले रंग का एक चक्र है। यह चक्र अशोक की राजधानी के सारनाथ के शेर के स्तंभ पर बना हुआ है। इसका व्यास लगभग सफेद पट्टी की चौड़ाई के बराबर होता है और इसमें 24 तीलियां है।
यह जानना अत्यंत रोचक है कि हमारा राष्ट्रीय ध्वज अपने आरंभ से किन-किन परिवर्तनों से गुजरा। इसे हमारे स्वतंत्रता के राष्ट्रीय संग्राम के दौरान खोजा गया या मान्यता दी गई। भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का विकास आज के इस रूप में पहुंचने के लिए अनेक दौरों में से गुजरा। एक रूप से यह राष्ट्र में राजनैतिक विकास को दर्शाता है। हमारे राष्ट्रीय ध्वज के विकास में कुछ ऐतिहासिक पड़ाव इस प्रकार हैं :-
* तृतीय ध्वज 1917 में आया जब हमारे राजनैतिक संघर्ष ने एक निश्चित मोड लिया। डॉ. एनी बीसेंट और लोकमान्य तिलक ने घरेलू शासन आंदोलन के दौरान इसे फहराया। इस ध्वज में 5 लाल और 4 हरी क्षैतिज पट्टियां एक के बाद एक और सप्तऋषि के अभिविन्यास में इस पर बने सात सितारे थे। बांयी और ऊपरी किनारे पर (खंभे की ओर) यूनियन जैक था। एक कोने में सफेद अर्धचंद्र और सितारा भी था।
पंकज पाराशर भास्कर में..
Thursday, August 14, 2008
भारत दोबारा अपनी पहचान बनाएगा
15 अगस्त 1947, वह दिन था जब भारत को ब्रिटिश राज से आजादी मिली और इस प्रकार एक नए युग की शुरूआत हुई जब भारत के मुक्त राष्ट्र के रूप में उठा। स्वतंत्रता दिवस के दिन दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र, भारत के जन्म का आयोजन किया जाता है और भारतीय इतिहास में इस दिन का अत्यंत महत्व है।
भारत दोबारा अपनी पहचान बनाएगा
15 अगस्त 1947, वह दिन था जब भारत को ब्रिटिश राज से आजादी मिली और इस प्रकार एक नए युग की शुरूआत हुई जब भारत के मुक्त राष्ट्र के रूप में उठा। स्वतंत्रता दिवस के दिन दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र, भारत के जन्म का आयोजन किया जाता है और भारतीय इतिहास में इस दिन का अत्यंत महत्व है।
Wednesday, August 13, 2008
कोटा से अलीगढ़..
Monday, August 4, 2008
पत्रिका डॉट कॉम
Sunday, July 27, 2008
जैसे पड़ोसी मुल्क में हुए हो धमाके..
शुक्रवार और शनिवार को हमारे देश के दो बड़े शहर बैंगलुरु और अहमदाबाद बम धमाकों से गूंज गए। दोनों ही दिन प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने धमाकों की निंदा कर दी। उनके बयान से ऐसा लगा मानो धमाके भारत में नहीं किसी बल्कि किसी दूसरे मुल्क में हुए हों। न जाने हमारी खुफिया एजेंसियों को भी क्या हो गया है। आतंकवादियों की हिम्मत इतनी बढ़ गई है कि वो हमला करके साफ निकलते जा रहे हैं और हमारी पुलिस व खुफिया एजेंसियां सिर्फ जांच का भरोसा ही दिला रही हैं। रविवार को गृहमंत्री ने कहा कि सरकार संघीय जांच एजेंसी बनाने पर विचार कर रही है। अगर अब भी सरकार विचार ही करेगी तब तो जनता का कल्याण हो चुका। जिस समय पूरा देश महंगाई की आग में झुलस रहा था उस समय सत्तापक्ष उससे निपटने के बजाय कुर्सी की जोड़-तोड़ में लगा रहा। मई में जयपुर में धमाके हुए तब से अब तक जांच की जा रही है जो लगता है, अगले कुछ वर्षों के पहले पूरी नहीं हो पाएगी। फिर आईटी राजधानी बैंगलुरु में धमाके वह भी तब जबकि एक साल से लगातार ऐसी खबरें आ रही थीं कि बैंगलुरु आतंकियों के निशाने पर है। अब यदि इस पर भी सुरक्षा तंत्र कुछ न कर सके तो किसको दोष दें। रही बात पुलिस की तो उससे किसी भी प्रकार की उम्मीद करना बेमानी होगा। पुलिस तो पूरी तरह से राजनेताऒं की परछाई बन चुकी है। यदि उनके सामने भी आतंकी बम लगा रहे हों तो वे तब तक कार्रवाई नहीं करेंगे जब तक उनकी जेब गरम नहीं कर दी जाती या फिर किसी से आदेश न दिलवा दिया जाए।
यह कहना गलत न होगा कि राजनेताऒं की आपसी खींचतान का नतीजा आम जनता को हर बार भुगतना पड़ता है। कई बार मांग उठी कि केंद्रीय एजेंसियों को स्वतंत्र कर दिया जाए पर राजनैतिक लाभ के चलते किसी भी सरकार ने ऐसा नहीं किया। आप सोच सकते हैं कि हमारा देश किस ऒर जा रहा है। देश की सर्वोच्च अदालत ने जिस आतंकी को फांसी की सजा सुना दी उसकी सजा को आज तक टाल के रखा गया है। इसी तरह की दरियादिली का नतीजा था, कि काठमांडू से इंडियन एअरलाइंस की फ्लाइट को हाईजैक कर कंधार ले जाया गया और यात्रियों को छोड़ने के बदले एक खूंखार आतंकवादी को छुड़ा लिया गया। जिस देश का नेतृत्व कड़े फैसले नहीं ले सकेगा और कुर्सी के मोह में पड़ा रहेगा वहां इससे बदतर और क्या हो सकता है। आतंकियों का जब मन चाहता है, जहां मन चाहता है वहां विस्फोट कर देते हैं। लोगों की जान से खिलवाड़ करते हैं और नेताऒं को इन सब पर ठोस कदम उठाने के बजाय भाषण का एक मुद्दा मिल जाता है।
महंगाई पर मूर्ख बनायाः यदि आप सबको याद हो तो लगभग डेढ़ महीने पहले प्रधानमंत्री, वित्तमंत्री और योजना आयोग के उपाध्यक्ष ने दंभ भरते हुए कहा था कि चार से छह हफ्तों में महंगाई काबू में आ जाएगी और इसकी दर भी घटकर छह फीसदी पर वापस आ जाएगी। लेकिन आंकड़ा कम होने के बढ़ते हुए 12 प्रतिशत को पार कर गया। इन सबसे यह तो सिद्ध हो गया है कि नेताऒं को फायदेमंद लगता है वे वही करते हैं और रही जनता तो उसे तो मूर्खों की श्रेणी में रखा जाता है जिसकी याद सिर्फ चुनावों के वक्त आती है।
जैसे पड़ोसी मुल्क में हुए हो धमाके..
शुक्रवार और शनिवार को हमारे देश के दो बड़े शहर बैंगलुरु और अहमदाबाद बम धमाकों से गूंज गए। दोनों ही दिन प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने धमाकों की निंदा कर दी। उनके बयान से ऐसा लगा मानो धमाके भारत में नहीं किसी बल्कि किसी दूसरे मुल्क में हुए हों। न जाने हमारी खुफिया एजेंसियों को भी क्या हो गया है। आतंकवादियों की हिम्मत इतनी बढ़ गई है कि वो हमला करके साफ निकलते जा रहे हैं और हमारी पुलिस व खुफिया एजेंसियां सिर्फ जांच का भरोसा ही दिला रही हैं। रविवार को गृहमंत्री ने कहा कि सरकार संघीय जांच एजेंसी बनाने पर विचार कर रही है। अगर अब भी सरकार विचार ही करेगी तब तो जनता का कल्याण हो चुका। जिस समय पूरा देश महंगाई की आग में झुलस रहा था उस समय सत्तापक्ष उससे निपटने के बजाय कुर्सी की जोड़-तोड़ में लगा रहा। मई में जयपुर में धमाके हुए तब से अब तक जांच की जा रही है जो लगता है, अगले कुछ वर्षों के पहले पूरी नहीं हो पाएगी। फिर आईटी राजधानी बैंगलुरु में धमाके वह भी तब जबकि एक साल से लगातार ऐसी खबरें आ रही थीं कि बैंगलुरु आतंकियों के निशाने पर है। अब यदि इस पर भी सुरक्षा तंत्र कुछ न कर सके तो किसको दोष दें। रही बात पुलिस की तो उससे किसी भी प्रकार की उम्मीद करना बेमानी होगा। पुलिस तो पूरी तरह से राजनेताऒं की परछाई बन चुकी है। यदि उनके सामने भी आतंकी बम लगा रहे हों तो वे तब तक कार्रवाई नहीं करेंगे जब तक उनकी जेब गरम नहीं कर दी जाती या फिर किसी से आदेश न दिलवा दिया जाए।
यह कहना गलत न होगा कि राजनेताऒं की आपसी खींचतान का नतीजा आम जनता को हर बार भुगतना पड़ता है। कई बार मांग उठी कि केंद्रीय एजेंसियों को स्वतंत्र कर दिया जाए पर राजनैतिक लाभ के चलते किसी भी सरकार ने ऐसा नहीं किया। आप सोच सकते हैं कि हमारा देश किस ऒर जा रहा है। देश की सर्वोच्च अदालत ने जिस आतंकी को फांसी की सजा सुना दी उसकी सजा को आज तक टाल के रखा गया है। इसी तरह की दरियादिली का नतीजा था, कि काठमांडू से इंडियन एअरलाइंस की फ्लाइट को हाईजैक कर कंधार ले जाया गया और यात्रियों को छोड़ने के बदले एक खूंखार आतंकवादी को छुड़ा लिया गया। जिस देश का नेतृत्व कड़े फैसले नहीं ले सकेगा और कुर्सी के मोह में पड़ा रहेगा वहां इससे बदतर और क्या हो सकता है। आतंकियों का जब मन चाहता है, जहां मन चाहता है वहां विस्फोट कर देते हैं। लोगों की जान से खिलवाड़ करते हैं और नेताऒं को इन सब पर ठोस कदम उठाने के बजाय भाषण का एक मुद्दा मिल जाता है।
महंगाई पर मूर्ख बनायाः यदि आप सबको याद हो तो लगभग डेढ़ महीने पहले प्रधानमंत्री, वित्तमंत्री और योजना आयोग के उपाध्यक्ष ने दंभ भरते हुए कहा था कि चार से छह हफ्तों में महंगाई काबू में आ जाएगी और इसकी दर भी घटकर छह फीसदी पर वापस आ जाएगी। लेकिन आंकड़ा कम होने के बढ़ते हुए 12 प्रतिशत को पार कर गया। इन सबसे यह तो सिद्ध हो गया है कि नेताऒं को फायदेमंद लगता है वे वही करते हैं और रही जनता तो उसे तो मूर्खों की श्रेणी में रखा जाता है जिसकी याद सिर्फ चुनावों के वक्त आती है।
Friday, July 25, 2008
जग्गो पत्रिका में..
दिव्य भास्कर नए स्वरुप में..
Thursday, July 24, 2008
नई जिम्मेदारियां..
* इंदौर दैनिक भास्कर की रीजनल डेस्क के प्रभारी महेंद्र कुशवाह को जल्द शुरु होने वाले रतलाम एडीशन का संपादकीय प्रभारी नियुक्त किया गया है।
Saturday, July 19, 2008
नमित जी न्यूज में
Wednesday, July 16, 2008
ताजा खबर...
* दैनिक भास्कर इंदौर की वुमन भास्कर डेस्क की नूपुर दीक्षित ने संस्थान से इस्तीफा देकर पत्रिका इंदौर ज्वाइन कर लिया है।
* हरिभूमि रायपुर के उपसंपादक मनीष शेंडे ने छत्तीसगढ़ में शुरु होने जा रहे जीन्यूज चैनल को ज्वाइन किया है।
* दैनिक भास्कर इंदौर के पेजमेकर उमेश शर्मा ने संस्थान से इस्तीफा देकर जल्द ही शुरु होने वाले अखबार पत्रिका को ज्वाइन कर लिया है।
Sunday, July 13, 2008
ऒझा जी आजतक में..
Friday, July 11, 2008
नीलाभ मिश्रा बने आउटलुक हिंदी के संपादक
बोलहल्ला से साभार
Tuesday, July 8, 2008
इधर से उधर गए
वेबदुनिया गुजराती टीम के लीडर अक्षेष सावलिया ने इस्तीफा देकर दिव्यभास्कर डॉट कॉम अहमदाबाद ज्वाइन कर लिया है। अक्षेष को इंदौर से अपने गृह राज्य जाने पर बधाईयां।
* पंकज नवदुनिया में..
भास्कर डॉट कॉम मुंबई से पंकज भारती ने इस्तीफा देकर नईदुनिया का भोपाल संस्करण नवदुनिया ज्वाइन कर लिया है। उन्हें यहां बिजनेस रिपोर्टिंग की जिम्मेदारी दी गई है। भास्कर वेब से पहले पंकज टीवी१८ समूह की साइट कमोडिटीज कंट्रोल डॉट कॉम में कर चुके हैं।
* रिचिक डेली न्यूज में..
डीएलए इंगलिश के आगरा संस्करण से रिचिक मिश्रा ने इस्तीफा देकर जयपुर में राजस्थान पत्रिका के अखबार डेली न्यूज को ज्वाइन किया है।
बीटीवी से राजटीवी
Thursday, July 3, 2008
नितिन शर्मा पत्रिका इंदौर में
पत्रिका इंदौर के लिए अभी कोई संपादक तय नहीं हुआ है। फिलहाल न्यूज टुडे के कार्यकारी संपादक और भोपाल पत्रिका के समाचार संपादक दिनेश रामावत ही नई टीम के गठन की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। अगले कुछ दिनों में इंदौर के दूसरे अखबारों में कार्यरत कई पत्रकार और ऑपरेटर पत्रिका ज्वाइन कर सकते हैं।
Sunday, June 29, 2008
ग्वालियर और इंदौर पहुंचेगा मेगामार्ट
भविष्य की योजनाओं के बार में बताते हुए मेगामार्ट के सीओओ केई वैंकटाचलापथी ने कहा कि मध्यप्रदेश के ग्वालियर और इंदौर जैसे शहर व्यवसायिक गतिविधियांे के बड़े कंेद्र बन रहे हैं और उच्च `ालिटी प्रोड्क्ट्स और सेवाओं की काफी मांग है। मेगामार्ट के नए स्टोर न सिर्फ मुनासिब दाम में बेहतर उत्पाद देंगे बल्कि स्टोर का इंटीरियर और ग्राहक सेवाएं भी लोगों का बेहतर अनुभव देंगी। मेगामार्ट के नए ब्रांड को लंदन के महशूर डिजाइन हाउस जेएचपी ने तैयार किया है। इस साल मार्च में स्टोर और ब्रांड कम्यूनिकेशन के नए डिजायन तय करने के बाद अब इसे लागू करने का दौर चल रहा है।
मेगामार्ट ने विस्तार के लिए करीब 400 करोड़ रुपये की योजना बनाई है। बड़े शहरों में मौजूदगी बनाने के बाद कंपनी दक्षिण भारत के विजयवाड़ा, मैसूर, गुंटूर, सलेम जैसे शहरों का रूख करेगी। फिलहाल मेगामार्ट के देश के 33 शहरों में 89 स्टोर हैं। 1700 से 4000 वर्गफीट जगह वाले मेगामार्ट के दिल्ली में भी तीन स्टोर खुल चुके हैं। इसके अलावा गाजियाबाद में कंपनी का फैक्ट्री आउटलेट भी है।
निर्यात पर निर्भर रहने वाली टेक्सटाइल कंपनियां अन्तर्राष्ट्रीय मंदी के दौर में घरलू रिटेल बाजार पर दांव खेल रही हैं। अरविंद मिल, आलोक इंडस्ट्रीज और वेल्सपन जैसी कंपनियांे ने देश भर में अपने रिटेल स्टोर की तादाद बढ़ाने की कोशिशें तेज कर दी हैं।
कुल करोबार के करीब 50 फीसदी तक निर्यात के जरिए कमाने वाली कंपनी जैसे अरविंद मिल्स इस साल के आखिर तक देश भर में 40 से ज्यादा रिटेल स्टोर खोलेगी। आलोक इंडस्ट्रीज भी 40 करोड़ के निवेश से 100 और रिटेल स्टोर खोलने जा रही है। इसी तरह वेल्सपन भी इस वित्तीय वर्ष के आखिर तक देश भर अपने 400 से च्यादा रिटेल स्टोर लाने की तैयारी में है।
(बिजनेस भास्कर से साभार)
बिजनेस भास्कर जल्द ही इंदौर से
Thursday, June 19, 2008
जुलाई के पहले हफ्ते में
सागर घर पहुंचे
Tuesday, June 17, 2008
हलचल शुरु
Friday, June 13, 2008
धोनी बने दैनिक भास्कर के ब्रांड एंबेसेडर
Monday, June 9, 2008
राज एक्सप्रेस की वेबसाइट
राज एक्सप्रेस अखबार भी जल्दी ही अपनी वेबसाइट लांच करने की तैयारी में है। साइट का निर्माण पूरा हो चुका है और पिछले तीन महीनों से उसकी टेस्टिंग चल रही है। हालांकि इस बीच साइट को रेगुलर अपडेट नहीं किया जा रहा है। वेबसाइट पर इस समय सिर्फ भोपाल और इंदौर के संस्करण का लिंक दिया गया है साथ ही इन्हीं संस्करणों के पेजों की पीडीएफ भी उपलब्ध कराई गई है। पुराने अंक देखने की सुविधा भी पाठकों को उपलब्ध कराने की कोशिश की गई है।एक बात काबिले गौर है कि साइट किसी भी एंगल से आकर्षक नहीं है। हालांकि साइट की लांचिंग की फिलहाल कोई तैयारी नहीं है। वेबसाइट का जायजा लेने लिए राज एक्सप्रेस लिंक पर क्लिक करें।
या फिर http://www.rajexpress.in/ पर विजिट करें।
कोटा के अनिल पत्रिका भोपाल में
Saturday, June 7, 2008
धीरेंद्र जी बिजनेस में
Friday, June 6, 2008
सच्चाई का सामना करें
आपका पन्ना ब्लॉग के जरिए मैं लोगों का ध्यान एक खास चीज पर दिलाना चाहता हूं। भोपाल में इन दिनों अखबार-वार चल रहा है। कहने के लिए तो यह नए राज्य में एक अखबार की एंट्री है पर असलियत में यह वर्चस्व की लड़ाई है। राजस्थान का एक प्रतिष्ठित अखबार भोपाल में लोकप्रियता पाने के लिए कई तरह के हथकंडे अपना रहा है। कुछ ही दिनों पहले उसने भोपाल व इंदौर में एक परचा बंटवाया जिसमें एक स्थापित अखबार के बारे में टिप्पणियां की गई थीं। मैं भी झीलों की नगरी का ही बाशिंदा हूं और दोनों की अखबार पढ़ता हूं।
लेकिन ४ जून के 'जस्ट भोपाल' नाम के पुलआउट की कवर स्टोरी में मैंने एक ऐसी खबर देखी जो करीब २० दिनों पहले मैंने दिल्ली से निकलने वाले एक दोपहर के अंग्रेजी अखबार मेल टुडे में पढ़ा था। यह खबर मेट्रीमोनी वेबसाइटस के बारे में थी। खबर का आइडिया तो ठीक लेकिन यहां तो पूरा का पूरा लेआउट फोटो यहां तक की खबर भी चुरा ली गई। केवल वर्जन के स्थान पर भोपाली नाम डाल दिए गए।
बताइए गलत खबर पर बवाल मचाने वाले खुद खबर तक नहीं बना सकते। दूसरे अखबारों की मेहनत को चुराकर अपना बताना भला कहां की ईमानदारी है।क्योंकि मैं एक मीडिया सर्वे कंपनी में काम करता हूं तो मुझे इंदौर शहर की जानकारी मिली की वही खबर उस अखबार के इंदौर स्थित इवनिंगर में भी लगी थी। सुना है कि इंदौर संस्करण का नाम अंग्रेजी में है और वह मुंबई के एक अखबार से पावर लेता है। लेकिन कंटेंट में दूसरे अंग्रेजी अखबारों का पावर दिखाई देता है। बताइए कि ऐसे अखबार किन आधार पर पाठकों से विश्वास की अपेक्षा रखते हैं। मेरी आप सभी से गुजारिश है कि यदि किसी जागरुक पाठक के पास दिल्ली से निकलने वाले मेल टुडे की प्रति हो तो कृपया मुझे ईमेल करें या फिर भोपाल की आवाज बनने इस अखबार के दफ्तर तक पहुंचा दें। यह अखबार इंडिया टुडे ग्रुप का है।
(यह लेखक का अपना विचार है। आपका पन्ना सिर्फ प्लेटफार्म उपलब्ध करवाता है। किसी भी तरह की शिकायत के लिए कृपया लेखक से संपर्क करें।)
सच्चाई का सामना करें
आपका पन्ना ब्लॉग के जरिए मैं लोगों का ध्यान एक खास चीज पर दिलाना चाहता हूं। भोपाल में इन दिनों अखबार-वार चल रहा है। कहने के लिए तो यह नए राज्य में एक अखबार की एंट्री है पर असलियत में यह वर्चस्व की लड़ाई है। राजस्थान का एक प्रतिष्ठित अखबार भोपाल में लोकप्रियता पाने के लिए कई तरह के हथकंडे अपना रहा है। कुछ ही दिनों पहले उसने भोपाल व इंदौर में एक परचा बंटवाया जिसमें एक स्थापित अखबार के बारे में टिप्पणियां की गई थीं। मैं भी झीलों की नगरी का ही बाशिंदा हूं और दोनों की अखबार पढ़ता हूं।
लेकिन ४ जून के 'जस्ट भोपाल' नाम के पुलआउट की कवर स्टोरी में मैंने एक ऐसी खबर देखी जो करीब २० दिनों पहले मैंने दिल्ली से निकलने वाले एक दोपहर के अंग्रेजी अखबार मेल टुडे में पढ़ा था। यह खबर मेट्रीमोनी वेबसाइटस के बारे में थी। खबर का आइडिया तो ठीक लेकिन यहां तो पूरा का पूरा लेआउट फोटो यहां तक की खबर भी चुरा ली गई। केवल वर्जन के स्थान पर भोपाली नाम डाल दिए गए।
बताइए गलत खबर पर बवाल मचाने वाले खुद खबर तक नहीं बना सकते। दूसरे अखबारों की मेहनत को चुराकर अपना बताना भला कहां की ईमानदारी है।क्योंकि मैं एक मीडिया सर्वे कंपनी में काम करता हूं तो मुझे इंदौर शहर की जानकारी मिली की वही खबर उस अखबार के इंदौर स्थित इवनिंगर में भी लगी थी। सुना है कि इंदौर संस्करण का नाम अंग्रेजी में है और वह मुंबई के एक अखबार से पावर लेता है। लेकिन कंटेंट में दूसरे अंग्रेजी अखबारों का पावर दिखाई देता है। बताइए कि ऐसे अखबार किन आधार पर पाठकों से विश्वास की अपेक्षा रखते हैं। मेरी आप सभी से गुजारिश है कि यदि किसी जागरुक पाठक के पास दिल्ली से निकलने वाले मेल टुडे की प्रति हो तो कृपया मुझे ईमेल करें या फिर भोपाल की आवाज बनने इस अखबार के दफ्तर तक पहुंचा दें। यह अखबार इंडिया टुडे ग्रुप का है।
(यह लेखक का अपना विचार है। आपका पन्ना सिर्फ प्लेटफार्म उपलब्ध करवाता है। किसी भी तरह की शिकायत के लिए कृपया लेखक से संपर्क करें।)
Monday, June 2, 2008
प्यार की निशानियां बिकाऊ
गिफ्ट्स में डायमंड रिंग भी : इस साइट पर बिकाऊ गिफ्ट्स में एक डायमंड रिंग भी है, जिसकी कीमत 1250 पाउंड रखी गई है। इसे बेचने वाली ने इसके विज्ञापन में लिखा है,‘हमारी शादी को तीन साल हो चुके थे। अचानक उसने सोचा कि अब वह शादीशुदा नहीं रहना चाहता।
फिर वह चला गया और मैंने कहा तू नहीं तो और सही। अब मैं एक बहुत ही प्यारे इंसान के साथ शादी करने वाली हूं। मुझे उम्मीद है कि इस रिंग को बेचकर मिलने वाली रकम से मजेदार हनीमून का खर्च आसानी से निकल आएगा।’ वेबसाइट की संस्थापक 30 वर्षीय मैगाहन पैरी नामक एक महिला है। वह लॉस एंजिलस में अभिनेत्री और लेखिका है। वेबसाइट की प्रेरणा उसे अपनी ही सास से मिली थी। जिसके बारे में वह अपने पूर्व पति के बारे में सलाह-मशविरा करते हुए बतिया रही थी।
www.bhaskar.com से साभार
प्यार की निशानियां बिकाऊ
गिफ्ट्स में डायमंड रिंग भी : इस साइट पर बिकाऊ गिफ्ट्स में एक डायमंड रिंग भी है, जिसकी कीमत 1250 पाउंड रखी गई है। इसे बेचने वाली ने इसके विज्ञापन में लिखा है,‘हमारी शादी को तीन साल हो चुके थे। अचानक उसने सोचा कि अब वह शादीशुदा नहीं रहना चाहता।
फिर वह चला गया और मैंने कहा तू नहीं तो और सही। अब मैं एक बहुत ही प्यारे इंसान के साथ शादी करने वाली हूं। मुझे उम्मीद है कि इस रिंग को बेचकर मिलने वाली रकम से मजेदार हनीमून का खर्च आसानी से निकल आएगा।’ वेबसाइट की संस्थापक 30 वर्षीय मैगाहन पैरी नामक एक महिला है। वह लॉस एंजिलस में अभिनेत्री और लेखिका है। वेबसाइट की प्रेरणा उसे अपनी ही सास से मिली थी। जिसके बारे में वह अपने पूर्व पति के बारे में सलाह-मशविरा करते हुए बतिया रही थी।
www.bhaskar.com से साभार
पर्चा बांटना शुरु
वैसे परचों में संस्थान यह दावा कर रहा है कि कई देशों में ईपेपर के जरिए पत्रिका को देखा जा सकता है और उसका प्रिंट लिया जा सकता है जबकि पिछले कई दिनों से वेबसाइट पर ई-पेपर का सेक्शन काम ही नहीं कर रहा है। साथ ही पूरी वेबसाइट पर कहीं भी भोपाल संस्करण की खबरें देखने को नहीं मिल रही हैं और न ही भोपाल का लिंक ही दिया गया है।
Saturday, May 31, 2008
इंदौर में भी मांगा जा रहा है जवाब
जल्द ही इंदौर संस्करण के लिए भी पत्रकारों की जोड़-तोड़ शुरु होने की उम्मीद है। हालांकि पत्रिका ने भोपाल की ही तरह यहां भी होर्डिंग्स लगाना शुरु कर दिया है। शहर के कई हिस्सों में तो घरों पर भी नो-पार्किंग के बैनर लगाए जा रहे हैं, जिनमें पत्रिका का नाम छपा है। उधर, पत्रिका के इंदौर संस्करण न्यूज टुडे के दफ्तर में भी देर रात तक काम चल रहा है। हालांकि इंदौर की टीम के ज्यादातर सदस्य अभी तक भोपाल में ही जमे हुए हैं।
Monday, May 26, 2008
epatrika.com नए रुप में
बिजनेस भास्कर जल्द ही...
Sunday, May 25, 2008
शुरु हो गया DB स्टार
डीएनए मनी की तैयारी
* जी बिजनेस चैनल के मंडी लाइव टीम के सदस्य शमशेर सिंह बघेल ने संस्थान से इस्तीफा देकर दैनिक भास्कर समूह के नए शुरु हो रहे हिंदी बिजनेस अखबार डीएनए मनी को ज्वाइन कर लिया है।
Thursday, May 15, 2008
कार्य प्रगति पर है...
* नईदुनिया ने ट्रेनी पत्रकारों की भर्ती का अभियान शुरु किया है। नए अखबारों की प्रदेश में रुचि देखते हुए यहां पत्रकारों की कमी महसूस की जाने लगी है। शायद यह इसी से निपटने का प्रयास है।
Wednesday, May 7, 2008
शेयर बाजार पर दुनिया का पहला हिंदी पोर्टल मोलतोल डॉट इन
मोलतोल के कार्यकारी शुभम शर्मा का कहना है कि इस वेबसाइट पर शेयर बाजार के हर पहलू की ऐसी जानकारी है जिसे आम निवेशक जानना चाहता है। सूचनाओं और उनसे समृद्ध होने का खजाना है यहां। मोलतोल डॉट इन आम आदमी को ऐसी सूचनाएं देने का प्रयास है जिससे वह वित्तीय रुप से मजबूत बनने के साथ देश को भी आर्थिक महासत्ता बनाने में अपना योगदान दे सकता है। असल में इस वेबसाइट का उद्देश्य आम आदमी की आर्थिक ताकत बढ़ाना है।
मोलतोल डॉट इन में शेयर बाजार,बिजनेस जगत की ताजा खबरों से लेकर दिग्गज संस्थागत निवेशकों की राय, उनसे बातचीत, पब्लिक इश्यू, म्युचुअल फंड, पूंजी बाजार पर खास फीचर और आर्थिक व्यंग्य के साथ शेयर बाजार की हस्तियों के इंटरव्यू, निवेश से जुड़े सवाल-जवाब और कमोडिटी बाजार का हाल हैं। साथ में है रेडियो दलाल स्ट्रीट जिसमें है दलाल स्ट्रीट में चल रही कानाफूसी, बातें, खबरें, अफवाह और बाजार की मसालेदार भेलपुरी।
शेयर बाजार पर दुनिया का पहला हिंदी पोर्टल मोलतोल डॉट इन
मोलतोल के कार्यकारी शुभम शर्मा का कहना है कि इस वेबसाइट पर शेयर बाजार के हर पहलू की ऐसी जानकारी है जिसे आम निवेशक जानना चाहता है। सूचनाओं और उनसे समृद्ध होने का खजाना है यहां। मोलतोल डॉट इन आम आदमी को ऐसी सूचनाएं देने का प्रयास है जिससे वह वित्तीय रुप से मजबूत बनने के साथ देश को भी आर्थिक महासत्ता बनाने में अपना योगदान दे सकता है। असल में इस वेबसाइट का उद्देश्य आम आदमी की आर्थिक ताकत बढ़ाना है।
मोलतोल डॉट इन में शेयर बाजार,बिजनेस जगत की ताजा खबरों से लेकर दिग्गज संस्थागत निवेशकों की राय, उनसे बातचीत, पब्लिक इश्यू, म्युचुअल फंड, पूंजी बाजार पर खास फीचर और आर्थिक व्यंग्य के साथ शेयर बाजार की हस्तियों के इंटरव्यू, निवेश से जुड़े सवाल-जवाब और कमोडिटी बाजार का हाल हैं। साथ में है रेडियो दलाल स्ट्रीट जिसमें है दलाल स्ट्रीट में चल रही कानाफूसी, बातें, खबरें, अफवाह और बाजार की मसालेदार भेलपुरी।
Monday, May 5, 2008
रानी पत्रिका में...
* दैनिक जागरण, चंडीगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार केके कुलश्रेष्ठ ने दैनिक भास्कर के नए लांच होने वाले बिजनेस अखबार में डीएनई पद पर ज्वाइन किया है।
* दैनिक हिंदुस्तान,कानपुर के सीनियर कामर्स करेस्पांडेंट आलोक तिवारी अब दैनिक भास्कर के नए लांच होने वाले बिजनेस अखबार (डीएनए मनी, नई दिल्ली) में बतौर डिप्टी न्यूज एडीटर काम करेंगे। खबर है कि उनके साथ दैनिक जागरण, नोएडा से संजीव तिवारी, आईनेक्स्ट कानपुर से अनिरूद्ध यादव और पुलक भी यहां ज्वाइन कर रहे हैं।
सुनिए भोपाल की आवाज...
Tuesday, April 29, 2008
ताजा-तरीन खबरें
इकोनॉमिक टाइम्स और बिजनेस स्टैंडर्ड की तर्ज पर ही भास्कर समूह का अखबार डीएनए मनी भी हिंदी भाषा में निकालने की तैयारी की जा रही है। ऐसी खबरें हैं कि इसका प्रकाशन दिल्ली से होगा।
नईदुनिया यूपी बिहार की तैयारी में
ऐसी चर्चा है कि नईदुनिया जल्द ही उत्तरप्रदेश और बिहार सहित देशभर के १२ शहरों से अपने संस्करण शुरु करने जा रहा है।
बिजनेस अखबार फाइनेशियल टाइम्स के प्रकाशक पीयर्सन समूह ने भारतीय कारोबारी जगत में नेटवर्क 18 के साथ गठजोड़ कर अंग्रेजी में दैनिक बिजनेस अखबार शुरू करने की योजना बनाई है।
दैनिक भास्कर में कारपोरेट डेस्क पर उपसंपादक के रूप में कार्यरत प्रदीप कुमार पांडेय ने आईनेक्स्ट के साथ गलबहियां कर ली हैं। वे इसी पद पर आईनेक्स्ट, कानपुर में सेंट्रल डेस्क पर कार्य करेंगे।
Monday, April 28, 2008
भागमभाग एक्सप्रेस जारी है
Saturday, April 26, 2008
यूं ही कभी
आंगन बुहारते गोबर से लीपते
रोटी-भात बनाते
कपड़े धोते
गाय को चारा खिलाते
बच्चे को दूध पिलाते
हर दिन दुलत्ती खाते
यूं ही होती है सुबह।
कल जब पड़ोस में देखा
सुबह भी हंसती है उसके आंगन में
नहीं बुहारना-लीपना पड़ता उठकर भिनसरे
नहीं पड़ती उसको दुलत्ती कभी
उसकी कोठी में होती है सुबह यूं ही
मेरी सुबह भी बीत ही जाती है रोज यूं ही।
यूं ही कभी
आंगन बुहारते गोबर से लीपते
रोटी-भात बनाते
कपड़े धोते
गाय को चारा खिलाते
बच्चे को दूध पिलाते
हर दिन दुलत्ती खाते
यूं ही होती है सुबह।
कल जब पड़ोस में देखा
सुबह भी हंसती है उसके आंगन में
नहीं बुहारना-लीपना पड़ता उठकर भिनसरे
नहीं पड़ती उसको दुलत्ती कभी
उसकी कोठी में होती है सुबह यूं ही
मेरी सुबह भी बीत ही जाती है रोज यूं ही।
Wednesday, April 23, 2008
जारी है अभी...
* दैनिक जागरण रीवा के जनरल मैनेजर दशरथ झा हरिभूमि ज्वाइन कर लिया है। जागरण के पहले वे नवभारत सतना के यूनिट प्रभारी रह चुके हैं।
Monday, April 21, 2008
बदलाव की बयार
खेमेबाजी
नवदुनिया अभी शुरु भी नहीं हुआ है कि अखबार में खेमेबाजी चरम पर पहुंच गइ है। भर्ती किए गए नए रिपोर्टरों और पहले से पदस्थ संपादकीय सहयोगियों में कार्य बंटवारे को लेकर रोजाना कुछ न कुछ विवाद हो रहा है। जो नए रिपोर्टर आए हैं उन्हें अभी तक कोइ जिमेदारी नहीं दी गई है।
पंकज पाठक ने नवभारत छोड़ा
ऎसी खबर है कि नवभारत के एसोसिएट एडीटर पंकज पाठक ने नवभारत को अलविदा कह दिया है।
डी श्रीनिवास राव ने भास्कर छोड़ा
लंबे समय तक भास्कर से जुड़े रहने वाले ग्राफिक्स आर्टिस्ट डी श्रीनिवास राव ने भास्कर छोड़ दिया है। उन्होंने हिंदुस्तान ज्वाइन कर लिया है।
दास्तान-ए-ट्रांसफर
अमर उजाला, कानपुर से तीन और लोगों का तबादला लखनऊ की नई यूनिट के लिए कर दिया गया है। अजय कश्यप सिटी डेस्क इंचार्ज, अक्षय प्रताप सिंह सीनियर सब एडीटर और संतोष सिंह रिपोर्टर वहां भेजे गए हैं। इनके अलावा कानपुर से ही चार लोगों का तबादला अमर उजाला, देहरादून किए जाने की खबर भी है। इनमें से तीन के नाम पता चले हैं जो इस प्रकार हैं.... आरके पांडेय, सागर पाटिल और रवि। सागर पाटिल माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्विविद्यालय के छात्र रह चुके हैं।
Saturday, April 19, 2008
भागमभाग
दैनिक भास्कर से पत्रिका वाले पत्रकार:
* पंकज श्रीवास्तव
* सुधीर निगम
* संजय दुबे
* ऋषि पांडे
* रुपेश राय
* राकेश मालवीय
* धनंजय प्रताप सिंह
* धर्मेन्द्र पैगवार
* राहुल शर्मा
* मनोज कुमार
* मनीष गीते।
* अबरार खान (फोटोग्राफर)
* गगन नायर (फोटोग्राफर)
भास्कर से नवदुनिया जाने वाले पत्रकार:
* रवीन्द्र भजनी
* जितेन्द्र चौरसिया
* अमित देशमुख
* पुनीत पाण्डेय
* राजस्थान पत्रिका जयपुर में उपसंपादक आलोक मिश्रा और प्रसून मिश्रा का ट्रांसफर भोपाल पत्रिका में कर दिया गया है।
* न्यूज टुडे इंदौर में कार्यरत नितिन त्रिपाठी का ट्रांसफर भोपाल पत्रिका के लिए कर दिया गया है।
मीडिया हालम-चालम
* ऐसी खबरें हैं कि लोकमत समूह के ग्रुप एडिटर श्रीगिरीश मिश्र जल्द ही भोपाल से प्रकाशित होने जा रहे भोपाल पत्रिका (राजस्थान पत्रिका का मध्य प्रदेश संस्करण) के संपादक बनने वाले हैं। बताया जा रहा है कि गिरीश मिश्र पत्रिका में एक मई को ज्वाइन करेंगे।
* दैनिक भास्कर कोटा संस्करण में रिपोर्टर प्रीति जोशी ने जयपुर में राजस्थान पत्रिका समूह का अखबार डेली न्यूज ज्वाइन कर लिया है। प्रीति भास्कर पत्रकारिता अकादमी भोपाल की छात्रा रह चुकी हैं।
* बेंगलूर राजस्थान पत्रिका में रिपोर्टर अभिनव सिन्हा ने इस्तीफा देकर चंडीगढ में हिंदुस्तान ज्वाइन किया है।
* मराठी अखबार देशोन्नति नागपुर से निकलने वाले हिंदी अखबारों को टक्कर देने के लिए अपना हिंदी संस्करण प्रारंभ करने की तैयारी की थी, जिसे अब टाल दिया गया है। बताया जा रहा है कि हिंदी संस्करण का प्रकाशन अब अक्तूबर तक हो सकेगा। खबर है कि देशोन्नति अपने हिंदी अखबार की लांचिंग लोकमत समाचार के पहले संपादक एसएन विनोद के नेतृत्व में करना चाहता है।
* राजेश शर्मा को न्यूज टुडे जयपुर का संपादकीय प्रभारी बनाया गया है। अब तक वहां कार्यरत हरेंद्र सिंह बगवाडा को राजस्थान पत्रिका जयपुर का चीफ रिपोर्टर बनाया गया है।
* राष्ट्रीय सहारा पटना संस्करण के स्थानीय संपादक ऒंकारेश्वर पांडेय ने सहारा से इस्तीफा देकर 'द संडे इंडियन' के हिंदी और भोजपुरी संस्करण में बतौर संपादक ज्वाइन किया है। द संडे इंडियन प्रोफेसर अरिंदम चौधरी की प्लानमैन मीडिया द्वारा प्रकाशित की जाती है।
* वर्षा पारीक ने दैनिक भास्कर जयपुर से इस्तीफा देकर राजस्थान पत्रिका का सिटी सप्लीमेंट जस्ट जयपुर ज्वाइन कर लिया है।
Saturday, April 12, 2008
इंतजार खत्म
* न्यूज टुडे इंदौर में उपसंपादक अनिल पांडेय ने दैनिक भास्कर इंदौर ज्वाइन कर लिया है।
* वेबदुनिया डॉट कॉम इंदौर में कार्यरत मिथिलेश कुमार ने भी दैनिक भास्कर ज्वाइन कर लिया है। वे फीचर डेस्क में उपसंपादक हो गए हैं।
* वेबदुनिया डॉट कॉम इंदौर में उपसंपादक अंकित श्रीवास्तव ने दैनिक भास्कर भोपाल ज्वाइन कर लिया है। वे वहां सुपर सेंट्रल डेस्क में काम करेंगे।
Wednesday, March 26, 2008
मीडिया से जुड़ी तीन खबरें
दीपक मेनन ने सीएनएनआईबीएन, दिल्ली में ज्वाइन कर लिया है। वो सीनियर कॉपी एडीटर के पद पर गए हैं। श्री मेनन आईएनएक्स न्यूज के अलावा ई टीवी न्यूज में भी अपनी सेवा दे चुके हैं।
नगेंद्र यादव बने स्थानीय संपादक
हिंदुस्तान, लखनऊ के एनई नगेंद्र यादव का तबादला भागलपुर कर दिया गया है। श्री यादव वहां स्थानीय संपादक की भूमिका निभाएंगे।
कुर्बान अली इंडिया न्यूज
कुर्बान अली जो डीडी न्यूज में कार्यरत थे, उन्होंने इंडिया न्यूज ज्वाइन कर लिया है।
Tuesday, March 25, 2008
एक उत्तर-भारतीय की भावनाएँ कविता के माध्यम से
ये तो मालूम था हमको
जो अब कह ही दिया तूने
तो आया सुकूं दिल को
शराफत के उन सारे कहकहों में
शोर था इतना
मेरी आवाज़ ही पहचान
में न आ रही मुझको
बिखेरे क्यों कोई अब
प्यार की खुशबू फिज़ाओं में
शक की चादरों में दिखती
हर शय यहाँ सबको
बढ़ाओं आग नफ़रत की
जगह भी और है यारों
दिलों की भट्टियों में
सियासत को ज़रा सेको
सड़क पे आ के अक्सर
चुप्पियाँ दम तोड़ देती हैं
बस इतनी खता पे
पत्थर तो न फेंकों
(एक ब्लॉगर मित्र की रचना जिसमें उन्होंने कविता के जरिए अपना मत रखा है। उम्मीद है आप भी इनसे इत्तेफाक रखेंगे।)
स्वप्रेम तिवारी
khabarchilal.blogspot.com
एक उत्तर-भारतीय की भावनाएँ कविता के माध्यम से
ये तो मालूम था हमको
जो अब कह ही दिया तूने
तो आया सुकूं दिल को
शराफत के उन सारे कहकहों में
शोर था इतना
मेरी आवाज़ ही पहचान
में न आ रही मुझको
बिखेरे क्यों कोई अब
प्यार की खुशबू फिज़ाओं में
शक की चादरों में दिखती
हर शय यहाँ सबको
बढ़ाओं आग नफ़रत की
जगह भी और है यारों
दिलों की भट्टियों में
सियासत को ज़रा सेको
सड़क पे आ के अक्सर
चुप्पियाँ दम तोड़ देती हैं
बस इतनी खता पे
पत्थर तो न फेंकों
(एक ब्लॉगर मित्र की रचना जिसमें उन्होंने कविता के जरिए अपना मत रखा है। उम्मीद है आप भी इनसे इत्तेफाक रखेंगे।)
स्वप्रेम तिवारी
khabarchilal.blogspot.com
Tuesday, March 18, 2008
मीडिया का बड़ा बाजार बनता मध्यप्रदेश
राज टीवी बनेगा सैटेलाइट चैनल
भोपाल से शुरु हुआ अखबार राज एक्सप्रेस इंदौर के बाद ४ जुलाई से ग्वालियर और जबलपुर संस्करण भी शुरु करने जा रहा है। ४ जुलाई को ही राज समूह का केबल टीवी चैनल राज टीवी सैटेलाइट चैनल के रूप में काम करना शुरू कर देगा।
उथल-पुथल भरा होगा महीना
अगले दो-तीन महीने भोपाल और मध्यप्रदेश के मीडिया बाजार में उथल-पुथल भरे रहेंगे। क्योंकि उसी समय नईदुनिया भोपाल संस्करण को रीलांच करेगा। इसके अलावा राजस्थान पत्रिका समूह का अखबार भी भोपाल से शुरू होगा। उधर जागरण समूह भी आईनेक्स्ट लाने की तैयारी युद्धस्तर पर कर रहा है।
यूके सामल राज के डायरेक्टर बने
सीनियर आईएएस के पद से रिटायर हुए यूके सामल ने राज एक्सप्रेस समूह को बतौर डायरेक्टर ज्वाइन किया है। सामल राज समूह का एविएशन प्रोजेक्ट भी देखेंगे।
मीडिया का बड़ा बाजार बनता मध्यप्रदेश
राज टीवी बनेगा सैटेलाइट चैनल
भोपाल से शुरु हुआ अखबार राज एक्सप्रेस इंदौर के बाद ४ जुलाई से ग्वालियर और जबलपुर संस्करण भी शुरु करने जा रहा है। ४ जुलाई को ही राज समूह का केबल टीवी चैनल राज टीवी सैटेलाइट चैनल के रूप में काम करना शुरू कर देगा।
उथल-पुथल भरा होगा महीना
अगले दो-तीन महीने भोपाल और मध्यप्रदेश के मीडिया बाजार में उथल-पुथल भरे रहेंगे। क्योंकि उसी समय नईदुनिया भोपाल संस्करण को रीलांच करेगा। इसके अलावा राजस्थान पत्रिका समूह का अखबार भी भोपाल से शुरू होगा। उधर जागरण समूह भी आईनेक्स्ट लाने की तैयारी युद्धस्तर पर कर रहा है।
यूके सामल राज के डायरेक्टर बने
सीनियर आईएएस के पद से रिटायर हुए यूके सामल ने राज एक्सप्रेस समूह को बतौर डायरेक्टर ज्वाइन किया है। सामल राज समूह का एविएशन प्रोजेक्ट भी देखेंगे।
Sunday, March 16, 2008
अमर उजाला भोपाल से
Saturday, March 1, 2008
बिजनेस स्टैंडर्ड जल्द इंदौर से
Wednesday, February 20, 2008
आवाजाही
सहारा न्यूज चैनल के वरिष्ठ संवाददाता संजीव श्रीवास्तव ने आने वाला चैनल इंडिया न्यूज ज्वाईन कर लिया है।
सुनील शर्मा इंडिया न्यूज में
बीटीवी (भास्कर टीवी) भोपाल में कार्यरत सुनील शर्मा ने भी इंडिया न्यूज चैनल ज्वाईन कर लिया है।
आईनेक्स्ट भोपाल से
दैनिक जागरण (कानपुर) समूह का टैबुलाइड अखबार आईनेक्स्ट अब भोपाल समेत राज्य के दूसरे शहरों से भी शुरु होने जा रहा है। इसके लिए राजधानी भोपाल में समूह ने यूएनआई की बिल्डिंग किराये पर ली है। उम्मीद है कि अगले कुछ ही महीनों में आईनेक्स्ट और समूह का बिजनेस अखबार शुरु हो जाएगा।
गिरीश उपाध्याय नईदुनिया में
Thursday, February 14, 2008
राजनीति का गंदा चेहरा
राजनीति का गंदा चेहरा
Thursday, February 7, 2008
आवाजाही
आनेवाले न्यूज चैनल न्यूज एक्स के पूर्व सीइओ और इस ग्रुप के प्रमुख वीर संघवी ने अपना रुख फिर से हिन्दुस्तान टाइम्स की ओर कर लिया है। आगे वे न्यूज एक्स की बजाय एचटी को अपनी सेवा देंगे। सूत्रों के मुताबिक सिंघवी एचटी टेली के लिए बतौर चीफ एडीटर के रुप में काम करेंगे। मजे की बात है कि एचटी ग्रुप ने भी न्यूज चैनल लांच करने की पहल की है जबकि सिंघवी साहब का कहना है कि मैंने हमेशा से एचटी के एडिटोरियल डायरेक्टर के तौर पर काम किया है और आगे भी इसमें कोई रद्दोबदल नहीं होगा। सिंघवी ने स्प।ट किया किया कि आइनेक्स से कॉन्ट्रैक्ट न्यूज चैनल को लेकर थी और ऐसा नहीं था कि मैंने एचटी छोड़ दिया था, वहां तभ भी मेरा चैम्बर था । इसलिए यह कहना कि मैं दोबारा एचटी ज्वाइन कर रहा हूं ठीक नहीं होगा।
भरत कपाडिया बिजनेस अखबार के मैनेजिंग एडिटर
भरत कपाडिया ने दैनिक जागरण और टीवी 18 समूह के बिजनेस अखबार के लिए बनाई गई कंपनी जागरण 18 पब्लिकेशन लि: के सीईओ और मैनेजिंग एडिटर के रूप में ज्वाइन किया है। वे पहले भास्कर समूह के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर थे। भास्कर को वोट फॉर ताज कैंपन में उन्होंने तगडी भूमिका निभाई थी।
सत्येंद्र चौधरी अब बीटीवी जयपुर में
ईटीवी के सत्येंद्र चौधरी अब बीटीवी जयपुर में क्राइम रिपोर्टर होंगे। गौरतलब है कि बीटीवी भास्कर समूह का केबल चैनल है।
गिरीश उपाध्याय ने छोडा राजस्थान पत्रिका
राजस्थान पत्रिका समूह में डिप्टी एडिटर गिरीश उपाध्याय ने इस्तीफा दे दिया। अभी उनके कहीं ज्वाइन करने की कोई खबर नहीं है।
Monday, January 28, 2008
पत्रकारों की आवाजाही
दैनिक भास्कर, जयपुर में कार्यरत रघु आदित्य जल्दी ही अमर उजाला, देहरादून ज्वाइन कर सकते हैं।
हिंदुस्तान, इलाहाबाद के सीनियर रिपोर्टर संजय कुमार मिश्रा ने अब इलाहाबाद में ही अब अमर उजाला के नए बच्चा अखबार कॉम्पैक्ट का अपना नया साथी बना लिया है।
Wednesday, January 23, 2008
एन के सिंह एचटी भोपाल में
लोकमत भोपाल से
लोकमत समूह भोपाल से अपना संस्करण शुरु करने की योजना पर तेजी से काम कर रहा है। खबर है कि कोलार रोड स्थित माधव सप्रे पत्रकारिता संग्रहालय के पास ही अखबार का कार्यालय और प्रिटिंग यूनिट लगाई जाएगी।
पंकज शर्मा राज एक्सप्रेस के संपादकीय सलाहकार
लंबे समय तक नवभारत टाइम्स भोपाल के वरिष्ठ संवाददाता रहे पंकज शर्मा जल्द ही राज एक्सप्रेस में संपादकीय सलाहकार के रुप में ज्वाइन करने वाले हैं।
आशुतोष गुप्ता इकॉनॉमिक टाइम्स में
सिटी भास्कर भोपाल के आशुतोष गुप्ता ने इस्तीफा देकर इकॉनॉमिक टाइम्स ज्वाइन कर लिया है।
Monday, January 21, 2008
मीडिया हलचल
भोपाल में बीटीवी के विशेष संवाददाता धनंजय प्रताप सिंह ने इस्तीफा देकर न्यूज टुडे ज्वाइन कर लिया है। वे भोपाल में न्यूज टुडे के ब्यूरो चीफ होंगे।
दीपेश अवस्थी टुडे में
खबर है कि राज एक्सप्रेस के प्रसाशनिक संवाददाता दीपेश अवस्थी भी न्यूज टुडे ज्वाइन कर रहे हैं।
Thursday, January 17, 2008
टाइम्स आफ इंडिया मप्र से
टाइम्स ग्रुप जल्द ही मप्र की राजधानी भोपाल और इंदौर से अपने संस्करण शुरु करने जा रहा है। इसके साथ मप्र का मीडिया बाजार और भी गरमा जाएगा। भोपाल के मिसरोद में टाइम्स आफ इंडिया की प्रिटिंग यूनिट लगा दी गई है और इंदौर में काम जारी है।
यशभारत भोपाल से
Wednesday, January 2, 2008
ये हैं संस्कृति के रक्षक
आपको याद होगा कि ऐसे ही कुछ संस्कृति के ठेकेदारों ने पिछले साल मुंबई में एक लड़की के साथ हैवानियत की सारी हदें पार कर दी थीं। इस साल भी ऐसी ही घिनौनी हरकत दोहराई गई। इनसे भले तो वे बलात्कारी हैं जो संस्कृति को बचाने का दावा तो नहीं करते हैं। समाज सुधार के नाम पर अपनी मनमर्जी चलाना कहां की आजादी है। धर्म के नाम गुंडागर्दी चलाने वाले इन संस्कृति सुधारकों ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। इनकी ऐसी हरकतों की तुलना तो तालिबानियों से की जाए तो गलत नहीं होगा।
ये हैं संस्कृति के रक्षक
आपको याद होगा कि ऐसे ही कुछ संस्कृति के ठेकेदारों ने पिछले साल मुंबई में एक लड़की के साथ हैवानियत की सारी हदें पार कर दी थीं। इस साल भी ऐसी ही घिनौनी हरकत दोहराई गई। इनसे भले तो वे बलात्कारी हैं जो संस्कृति को बचाने का दावा तो नहीं करते हैं। समाज सुधार के नाम पर अपनी मनमर्जी चलाना कहां की आजादी है। धर्म के नाम गुंडागर्दी चलाने वाले इन संस्कृति सुधारकों ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। इनकी ऐसी हरकतों की तुलना तो तालिबानियों से की जाए तो गलत नहीं होगा।
Tuesday, January 1, 2008
आया नया साल
नए साल के साथ नया एहसास
नई उम्मीद नया अरमान
चलें तुम और हम साथ
बीते कल के साथ बीत गए दुख-दर्द
नए साल पर नई खुशी हर पल
न बीते केवल पल-पल में यह साल
हर पल साकार होजैसे महीने और साल ।
आप सभी को नए साल की शुभकामनाएं
आया नया साल
नए साल के साथ नया एहसास
नई उम्मीद नया अरमान
चलें तुम और हम साथ
बीते कल के साथ बीत गए दुख-दर्द
नए साल पर नई खुशी हर पल
न बीते केवल पल-पल में यह साल
हर पल साकार होजैसे महीने और साल ।
आप सभी को नए साल की शुभकामनाएं