दुनिया के सभी पिता
अपनी बेटियों से
सबसे ज्यादा प्यार करते हैं
हालांकि इनमें से ज्यादातर
इसे शब्दों में बयान नहीं करते।
बेटी, मां की तरह होती है
पिता को पहचानती है
बेटी जानती है
न बोलकर भी
कुछ कहना चाहते हैं पिता।
बेटी हमेशा जान लेती है
उन शब्दों के अर्थ
जो कहे नहीं गए
भाव-भंगिमाओं से पहचान लेती है
पिता की विपन्नता और
अपनी इच्छाओं को दफ़न कर देती है।
बेटी, कभी अहसास नहीं होने देती
अपने दुखों का
हमेशा ख़ुश दिखती है
हालांकि पिता जानता है
भीतर से कितनी दुखी है
कभी फोन करती है
और चुपचाप सुनती है सांसे
बेटी, आते ही पूछती है
तबियत कैसी है
और पिता हंसते हुए कहता है
तुझे देखकर ठीक हूं
हालांकि दवाइयों से
कुछ आराम नहीं था।
- रविंदर बतरा
(दैनिक भास्कर जालंधर से साभार)
nice
ReplyDeleteइसमें क्या दो राय है,,,आप जानते हैं मैं ईश्वर को नहीं मानता फिर भी 'मेरी बेटी मेरा रब'
ReplyDeletedharmendrabchouhan.blogspot.com
sachh likh rahe hain..... fir bhi kuchh aise pita bhi hain jo yah jaan kar ki garbh me beti hai use.....
ReplyDeleteपता नहीं ऐसे लोगों के मन में क्या चलता रहता है। ईश्वर ऐसे लोगों को कभी माफ नहीं करेगा।
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