Monday, January 28, 2008

पत्रकारों की आवाजाही

राजीव तिवारी ने बतौर संपादक डेली न्‍यूज जयपुर ज्‍वॉइन किया है। इससे पहले वे अमर उजाला नोएडा, दैनिक भास्‍कर जयपुर और राजस्‍थान पत्रिका उदयपुर में काम कर चुके हैं।

दैनिक भास्‍कर, जयपुर में कार्यरत रघु आदित्य जल्‍दी ही अमर उजाला, देहरादून ज्‍वाइन कर सकते हैं।

हिंदुस्तान, इलाहाबाद के सीनियर रिपोर्टर संजय कुमार मिश्रा ने अब इलाहाबाद में ही अब अमर उजाला के नए बच्चा अखबार कॉम्पैक्ट का अपना नया साथी बना लिया है।

Wednesday, January 23, 2008

एन के सिंह एचटी भोपाल में

खबर है कि श्री नरेंद्र कुमार सिंह (एन. के. सिंह) जल्द ही हिंदुस्तान टाइम्स ज्वाइन कर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक वे भोपाल संस्करण ज्वाइन करेंगे।

लोकमत भोपाल से
लोकमत समूह भोपाल से अपना संस्करण शुरु करने की योजना पर तेजी से काम कर रहा है। खबर है कि कोलार रोड स्थित माधव सप्रे पत्रकारिता संग्रहालय के पास ही अखबार का कार्यालय और प्रिटिंग यूनिट लगाई जाएगी।

पंकज शर्मा राज एक्सप्रेस के संपादकीय सलाहकार
लंबे समय तक नवभारत टाइम्स भोपाल के वरिष्ठ संवाददाता रहे पंकज शर्मा जल्द ही राज एक्सप्रेस में संपादकीय सलाहकार के रुप में ज्वाइन करने वाले हैं।

आशुतोष गुप्ता इकॉनॉमिक टाइम्स में
सिटी भास्कर भोपाल के आशुतोष गुप्ता ने इस्तीफा देकर इकॉनॉमिक टाइम्स ज्वाइन कर लिया है।

Monday, January 21, 2008

मीडिया हलचल

धनंजय न्यूज टुडे के ब्यूरो चीफ

भोपाल में बीटीवी के विशेष संवाददाता धनंजय प्रताप सिंह ने इस्तीफा देकर न्यूज टुडे ज्वाइन कर लिया है। वे भोपाल में न्यूज टुडे के ब्यूरो चीफ होंगे।

दीपेश अवस्थी टुडे में

खबर है कि राज एक्सप्रेस के प्रसाशनिक संवाददाता दीपेश अवस्थी भी न्यूज टुडे ज्वाइन कर रहे हैं।

Thursday, January 17, 2008

टाइम्स आफ इंडिया मप्र से



टाइम्स आफ इंडिया मप्र से
टाइम्स ग्रुप जल्द ही मप्र की राजधानी भोपाल और इंदौर से अपने संस्करण शुरु करने जा रहा है। इसके साथ मप्र का मीडिया बाजार और भी गरमा जाएगा। भोपाल के मिसरोद में टाइम्स आफ इंडिया की प्रिटिंग यूनिट लगा दी गई है और इंदौर में काम जारी है।

यशभारत भोपाल से
जबलपुर से प्रकाशित अखबार यशभारत जल्द ही भोपाल संस्करण शुरु कर रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि अप्रैल-मई तक इसका प्रकाशन शुरु हो जाएगा।

हरिभूमि मप्र में
छत्तीसगढ़ का अखबार हरिभूमि जल्दी ही जबलपुर संस्करण शुरु करने जा रहा है। इसके बाद भोपाल और ग्वालियर संस्करण शुरु किए जाएंगे।

रीलांच मार्च में
लंबे समय से नईदुनिया भोपाल की रीलांचिंग टल रही थी। पर अब फैसला लिया गया है कि मार्च महीने में इसे रीलांच किया जाएगा। इसके बाद भोपाल के पाठकों को राज्य की नईदुनिया नए रंग-ढंग में नजर आएगा।

डीएनए इंदौर से
भास्कर और जी समूह का अखबार डीएनए मुंबई अहमदाबाद और पुणे के बाद इंदौर से शुरु होने जा रहा है।

पंकज श्रीवास्तव ने पत्रिका समूह ज्वाइन किया
भोपाल दैनिक भास्कर में सिटी डेस्क इंजार्ज पंकज श्रीवास्तव ने राजस्थान पत्रिका समूह का अखबार डेली न्यूज ज्वाइन किया है। डेली न्यूज अगले कुछ महीनों में भोपाल से अपना संस्करण शुरु करने जा रहा है। पंकज श्रीवास्तव के अलावा कुछ और लोगों के भी डेली न्यूज ज्वाइन करने की खबर है।

फ्री-प्रेस भोपाल से
अभी तक राजधानी भोपाल से ब्यूरो संस्करण निकाल रहे इंदौर के अंग्रेजी अखबार फ्री-प्रेस ने भोपाल संस्करण शुरु करने का निर्णय किया है।

महेश दीक्षित भोपाल में
नईदुनिया इंदौर के वरिष्ठ पत्रकार महेश दीक्षित का ट्रांसफर भोपाल कर दिया गया है।

Wednesday, January 2, 2008

ये हैं संस्कृति के रक्षक


भागो आ गए संस्कृति के रक्षक। आपका सिर फोड़ेंगे, कपड़े फाड़ेंगे, हुड़दंग मचाएंगे और तोड़फोड़ करेंगे। होटलों में जबरन घुसना और मौका मिलते ही अपने हिस्से की दारू लेना इनका काम है। भई, संस्कृति के रक्षक हैं, तो इतना तो हक बनता है न इनका।

आपको याद होगा कि ऐसे ही कुछ संस्कृति के ठेकेदारों ने पिछले साल मुंबई में एक लड़की के साथ हैवानियत की सारी हदें पार कर दी थीं। इस साल भी ऐसी ही घिनौनी हरकत दोहराई गई। इनसे भले तो वे बलात्कारी हैं जो संस्कृति को बचाने का दावा तो नहीं करते हैं। समाज सुधार के नाम पर अपनी मनमर्जी चलाना कहां की आजादी है। धर्म के नाम गुंडागर्दी चलाने वाले इन संस्कृति सुधारकों ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। इनकी ऐसी हरकतों की तुलना तो तालिबानियों से की जाए तो गलत नहीं होगा।

एक तरफ तो हम कहते हैं कि हमारा देश लोकतांत्रिक देश है और हर नागरिक को अपने फैसले लेने का हक है, तो फिर यह क्या था जो कल रात हुआ और पिछले साल भी हुआ था। क्या यह माना जाए कि लोकतंत्र इन तथाकथित संस्कृति के ठेकेदारों के इशारे पर चलता है। किसने इन्हे यह अधिकार दिया कि वे संस्कृति की रक्षा के नाम पर उसे नंगा करने का प्रयास करें।

देश के युवाऒं में इन्हें रोकने का माद्दा है और इस अन्याय के खिलाफ इन्हे ही आगे आना होगा। वरना ये ठेकेदार कब संस्कृति को तार-तार कर देंगे इसका पता भी नहीं चलेगा।

ग्राफिक्स : रवि लिहनकर

ये हैं संस्कृति के रक्षक


भागो आ गए संस्कृति के रक्षक। आपका सिर फोड़ेंगे, कपड़े फाड़ेंगे, हुड़दंग मचाएंगे और तोड़फोड़ करेंगे। होटलों में जबरन घुसना और मौका मिलते ही अपने हिस्से की दारू लेना इनका काम है। भई, संस्कृति के रक्षक हैं, तो इतना तो हक बनता है न इनका।

आपको याद होगा कि ऐसे ही कुछ संस्कृति के ठेकेदारों ने पिछले साल मुंबई में एक लड़की के साथ हैवानियत की सारी हदें पार कर दी थीं। इस साल भी ऐसी ही घिनौनी हरकत दोहराई गई। इनसे भले तो वे बलात्कारी हैं जो संस्कृति को बचाने का दावा तो नहीं करते हैं। समाज सुधार के नाम पर अपनी मनमर्जी चलाना कहां की आजादी है। धर्म के नाम गुंडागर्दी चलाने वाले इन संस्कृति सुधारकों ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। इनकी ऐसी हरकतों की तुलना तो तालिबानियों से की जाए तो गलत नहीं होगा।

एक तरफ तो हम कहते हैं कि हमारा देश लोकतांत्रिक देश है और हर नागरिक को अपने फैसले लेने का हक है, तो फिर यह क्या था जो कल रात हुआ और पिछले साल भी हुआ था। क्या यह माना जाए कि लोकतंत्र इन तथाकथित संस्कृति के ठेकेदारों के इशारे पर चलता है। किसने इन्हे यह अधिकार दिया कि वे संस्कृति की रक्षा के नाम पर उसे नंगा करने का प्रयास करें।

देश के युवाऒं में इन्हें रोकने का माद्दा है और इस अन्याय के खिलाफ इन्हे ही आगे आना होगा। वरना ये ठेकेदार कब संस्कृति को तार-तार कर देंगे इसका पता भी नहीं चलेगा।

ग्राफिक्स : रवि लिहनकर

Tuesday, January 1, 2008

आया नया साल

आया नया साल
नए साल के साथ नया एहसास
नई उम्मीद नया अरमान
चलें तुम और हम साथ
बीते कल के साथ बीत गए दुख-दर्द
नए साल पर नई खुशी हर पल
न बीते केवल पल-पल में यह साल
हर पल साकार होजैसे महीने और साल ।

आप सभी को नए साल की शुभकामनाएं

आया नया साल

आया नया साल
नए साल के साथ नया एहसास
नई उम्मीद नया अरमान
चलें तुम और हम साथ
बीते कल के साथ बीत गए दुख-दर्द
नए साल पर नई खुशी हर पल
न बीते केवल पल-पल में यह साल
हर पल साकार होजैसे महीने और साल ।

आप सभी को नए साल की शुभकामनाएं