मध्यप्रदेश सरकार ने विकास के नाम पर ग्लोबल इंवेस्टर्स आयोजित की थी। उसके लिए तैयारियां भी खूब जोर शोर से की गई थी। पूरे शहर को साफ किया गया। दिन में एक बार नहीं बल्कि ३-४ बार सड़कें साफ की जाती थीं। शहर में एक मिनट के लिए भी बिजली नहीं कटती थी। जिस स्थान पर मीट हो रही थी वहां के आसपास के इलाकों में तुरत-फुरत में मोबाइल पुलिस चौकियां बना दी गईं और जिन चौराहों पर कभी एक सिपाही तक नहीं खड़ा होता था वहां टीआई और एसआई खड़े होने लगे।
सरकार का दावा है कि इससे इंदौर समेत पूरे राज्य की किस्मत बदल जाएगी। पर हाल ही में हुए उपचुनावों ने बता दिया कि किसकी किस्मत बदल सकती है। लोगों को मीट से ज्यादा विकास और सुशासन की जरूरत है।
पर यह सब तो सिर्फ उस कहावत की तरह थे कि चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात। मीट खत्म होते ही बिजली कटने लगी वो भी दो घंटे के लिए। साथ ही रातों-रात पुलिस चौकिंयों को भी ट्रकों में लादकर उठा ले गया प्रशासन। ताकि फिर कभी कोई मीट हो या कोई वीआईपी आए तो उन्हें दोबारा रखकर व्ववस्था का दिखावा किया जा सके।
ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार और प्रशासन ने जनता को एकदम ही मूर्ख समझ लिया है। एक तरफ सरकार है जो सिर्फ इंवेस्टर्स मीट कर रही है पर जनता के लिए मूलभूत सुविधाऒं की सुध कौन लेगा यह कोई नहीं जानता है। यदि बेसिक जरूरते जनता को ही उपलब्ध नहीं होंगी तो इन निवेशकों को क्या मिलेगा भगवान ही जानता होगा या फिर खुद सरकार।
Friday, December 28, 2007
सरकार के दावे और हकीकत
मध्यप्रदेश सरकार ने विकास के नाम पर ग्लोबल इंवेस्टर्स आयोजित की थी। उसके लिए तैयारियां भी खूब जोर शोर से की गई थी। पूरे शहर को साफ किया गया। दिन में एक बार नहीं बल्कि ३-४ बार सड़कें साफ की जाती थीं। शहर में एक मिनट के लिए भी बिजली नहीं कटती थी। जिस स्थान पर मीट हो रही थी वहां के आसपास के इलाकों में तुरत-फुरत में मोबाइल पुलिस चौकियां बना दी गईं और जिन चौराहों पर कभी एक सिपाही तक नहीं खड़ा होता था वहां टीआई और एसआई खड़े होने लगे।
सरकार का दावा है कि इससे इंदौर समेत पूरे राज्य की किस्मत बदल जाएगी। पर हाल ही में हुए उपचुनावों ने बता दिया कि किसकी किस्मत बदल सकती है। लोगों को मीट से ज्यादा विकास और सुशासन की जरूरत है।
पर यह सब तो सिर्फ उस कहावत की तरह थे कि चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात। मीट खत्म होते ही बिजली कटने लगी वो भी दो घंटे के लिए। साथ ही रातों-रात पुलिस चौकिंयों को भी ट्रकों में लादकर उठा ले गया प्रशासन। ताकि फिर कभी कोई मीट हो या कोई वीआईपी आए तो उन्हें दोबारा रखकर व्ववस्था का दिखावा किया जा सके।
ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार और प्रशासन ने जनता को एकदम ही मूर्ख समझ लिया है। एक तरफ सरकार है जो सिर्फ इंवेस्टर्स मीट कर रही है पर जनता के लिए मूलभूत सुविधाऒं की सुध कौन लेगा यह कोई नहीं जानता है। यदि बेसिक जरूरते जनता को ही उपलब्ध नहीं होंगी तो इन निवेशकों को क्या मिलेगा भगवान ही जानता होगा या फिर खुद सरकार।
सरकार का दावा है कि इससे इंदौर समेत पूरे राज्य की किस्मत बदल जाएगी। पर हाल ही में हुए उपचुनावों ने बता दिया कि किसकी किस्मत बदल सकती है। लोगों को मीट से ज्यादा विकास और सुशासन की जरूरत है।
पर यह सब तो सिर्फ उस कहावत की तरह थे कि चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात। मीट खत्म होते ही बिजली कटने लगी वो भी दो घंटे के लिए। साथ ही रातों-रात पुलिस चौकिंयों को भी ट्रकों में लादकर उठा ले गया प्रशासन। ताकि फिर कभी कोई मीट हो या कोई वीआईपी आए तो उन्हें दोबारा रखकर व्ववस्था का दिखावा किया जा सके।
ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार और प्रशासन ने जनता को एकदम ही मूर्ख समझ लिया है। एक तरफ सरकार है जो सिर्फ इंवेस्टर्स मीट कर रही है पर जनता के लिए मूलभूत सुविधाऒं की सुध कौन लेगा यह कोई नहीं जानता है। यदि बेसिक जरूरते जनता को ही उपलब्ध नहीं होंगी तो इन निवेशकों को क्या मिलेगा भगवान ही जानता होगा या फिर खुद सरकार।
Thursday, December 27, 2007
जयश्री पिंगले को दिल्ली भेजा
नईदुनिया और दैनिक भास्कर में लंबा अनुभव हासिल कर चुकीं विशेष संवाददाता जयश्री पिंगले को दिल्ली भेज दिया गया है। अब वे दिल्ली भास्कर ब्यूरो में महत्वपूर्ण भूमिका में नजर आएंगी।
Wednesday, December 26, 2007
सुर्खियों में सुष्मिता सेन
शादी से पहले सेक्स विषय पर बयान के कारण एक बार फिर सुष्मिता सेन सुर्खियों में हैं। वैसे सुष ने जो कहा उससे उन्हे कोई रंज भी नहीं है पर पता नहीं क्यों तथाकथित महिलावादी पुरुषों और उन्हीं की भाषा बोलने वाले कुछ संगठनों को इससे आपत्ति है। उन्होंने मामले को अदालत तक पहुंचा दिया। लगता है कि हमारे देश में कुछ ही दिनों में सच बोलना भी बंद हो जाएगा।
जानिए बिंदास सुष के बारे में :
प्रदेश के हैदराबाद शहर में सुष्मिता का जन्म हुआ। इनके पिता आर्मी ऑफिसर थे व मां फैशन आर्टिस्ट व ज्यूलरी डिजाइनर। घर में इनके अलावा इनके एक भाई राजीव व बहन नीलम थी। सुष्मिता का बचपन बीता दिल वालों के शहर दिल्ली में। इनकी तमन्ना अंग्रेजी की पढाई कर पत्रकारिता में जाने की थी, लेकिन भाग्य को शायद कुछ और ही मंजूर था।
सुष्मिता ने 1994 में 18 साल की कम उम्र में गोवा में नई दुनिया में कदम रखा और मिस इंडिया का खिताब जीता। हालांकि इसके लिए फॉर्म भरने के बाद यह जानने पर कि ऐश्वर्या राय भी मिस इंडिया प्रतियोगिता में हिस्सा ले रही हैं, जिन बाइस लडकियों ने अपना नाम वापस लेने का फैसला किया था, उनमें सुष्मिता भी एक थीं। लेकिन बाद में मां के समझाने पर उन्होंने इस चुनौती को स्वीकार किया।
इस टक्कर में सुष्मिता व ऐश्वर्या अंत तक बराबरी पर रहीं लेकिन अंत में टाई ब्रेकिंग प्रश्न पर वह ऐश्वर्या पर भारी पडीं और ऐसी पहली भारतीय बनीं, जिसे मिस यूनीवर्स का खिताब मिला। यह शुभारंभ था मध्यमवर्गीय परिवार की सुष्मिता के करियर का।
तो यह तो था सुष का छोटा सा परिचय। आपका पन्ना के माध्यम से हम चाहते हैं कि आप सब भी खुशबू और सुष्मिता के बयान पर अपना पक्ष रखें।
सुर्खियों में सुष्मिता सेन
शादी से पहले सेक्स विषय पर बयान के कारण एक बार फिर सुष्मिता सेन सुर्खियों में हैं। वैसे सुष ने जो कहा उससे उन्हे कोई रंज भी नहीं है पर पता नहीं क्यों तथाकथित महिलावादी पुरुषों और उन्हीं की भाषा बोलने वाले कुछ संगठनों को इससे आपत्ति है। उन्होंने मामले को अदालत तक पहुंचा दिया। लगता है कि हमारे देश में कुछ ही दिनों में सच बोलना भी बंद हो जाएगा।
जानिए बिंदास सुष के बारे में :
प्रदेश के हैदराबाद शहर में सुष्मिता का जन्म हुआ। इनके पिता आर्मी ऑफिसर थे व मां फैशन आर्टिस्ट व ज्यूलरी डिजाइनर। घर में इनके अलावा इनके एक भाई राजीव व बहन नीलम थी। सुष्मिता का बचपन बीता दिल वालों के शहर दिल्ली में। इनकी तमन्ना अंग्रेजी की पढाई कर पत्रकारिता में जाने की थी, लेकिन भाग्य को शायद कुछ और ही मंजूर था।
सुष्मिता ने 1994 में 18 साल की कम उम्र में गोवा में नई दुनिया में कदम रखा और मिस इंडिया का खिताब जीता। हालांकि इसके लिए फॉर्म भरने के बाद यह जानने पर कि ऐश्वर्या राय भी मिस इंडिया प्रतियोगिता में हिस्सा ले रही हैं, जिन बाइस लडकियों ने अपना नाम वापस लेने का फैसला किया था, उनमें सुष्मिता भी एक थीं। लेकिन बाद में मां के समझाने पर उन्होंने इस चुनौती को स्वीकार किया।
इस टक्कर में सुष्मिता व ऐश्वर्या अंत तक बराबरी पर रहीं लेकिन अंत में टाई ब्रेकिंग प्रश्न पर वह ऐश्वर्या पर भारी पडीं और ऐसी पहली भारतीय बनीं, जिसे मिस यूनीवर्स का खिताब मिला। यह शुभारंभ था मध्यमवर्गीय परिवार की सुष्मिता के करियर का।
तो यह तो था सुष का छोटा सा परिचय। आपका पन्ना के माध्यम से हम चाहते हैं कि आप सब भी खुशबू और सुष्मिता के बयान पर अपना पक्ष रखें।
Sunday, December 23, 2007
११००० डालर राशि वाला पत्रकारिता पुरस्कार
राजस्थान पत्रिका समूह ने ११००० डालर राशि वाला पत्रकारिता पुरस्कार शुरू किया है। इसमें विजेता पत्रकार को राशि के साथ ही ट्राफी भी दी जाएगी। इसके लिए दुनियाभर के पत्रकारों से ३१ जनवरी २००८ तक प्रविष्ठियां आमंत्रित की गई हैं। अधिक जानकारी के लिए राजस्थान पत्रिका की वेबसाइट पर जाएं।
Thursday, December 20, 2007
टाइम्स ग्रुप में श्री निधीश त्यागी
दैनिक भास्कर के एडिटर श्री निधीश त्यागी ने भास्कर समूह छोड़कर टाइम्स आफ इंडिया समूह ज्वाइन कर लिया है। उन्हें मुंबई मिरर का डिप्टी एडिटर बनाया गया है।
Thursday, December 13, 2007
जनवरी के अंत तक एक ग्लैमर चैनल
बैग फ़िल्म एंड मीडिया लि. अगले साल जनवरी के अंत तक एक ग्लैमर चैनल लाने वाली है. जिसका नाम ए२४ हो सकता है. ऐसे ही कम्पनी अगले वर्ष के मध्य तक लाइफ स्टाइल को लेकर भी एक चैनल लाने वाली है.
Monday, December 3, 2007
मीडिया से जुड़ी दो खबरें
आपका पन्ना में आज मीडिया से जुड़ी खबर में पेश है दो खबर. रक्षित मिश्रा नेटवर्क 18 से इस्तीफा देकर जी न्यूज में बतौर प्रोडयूसर ज्वाइन कर रहे हैं। गौरव खोसला नेटवर्क 18 से इस्तीफा देकर एमएच वन न्यूज चैनल बतौर एसोसिएट प्रोडयूसर ज्वाइन कर लिया है।
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